PM ने संसद में मेरे शहीद पिता का अपमान किया, उन्हें जेल क्यों नहीं हुई: प्रियंका गांधी ने राजघाट से भरी हुंकार

इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है। जो सोचता है कि हमें अपमानित करके डराएंगे, हमें धमकाएंगे। जो सोचता है कि तमाम एजेंसियों को लगाकर, हमारे ऊपर छापे मारकर हमें डराएंगे वह गलत सोचते हैं। हम डरने वाले नहीं हैं: प्रियंका गांधी

Updated: Mar 26, 2023, 12:50 PM IST

नई दिल्ली। देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर मंडराते खतरे और राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर दिल्ली के राजघाट पर कांग्रेस पार्टी आज संकल्प सत्याग्रह कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी और पी चिदंबरम समेत बड़ी संख्या में पार्टी के नेता राजघाट पर जमा हुए हैं। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है। जो सोचते हैं कि हमारे ऊपर छापे मारकर हमें डराएंगे वह गलत सोचते हैं। हम डरने वाले नहीं हैं।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “इस देश के लोकतंत्र की नींव कांग्रेस पार्टी के महापुरुषों ने डाली है। इस देश की आजादी के लिए कांग्रेस पार्टी लड़ी। आज भी इस देश की आजादी के लिए ही लड़ रही है। कभी-कभी मैं सूचती हूं। मुझे समझ नहीं आता कि पब्लिक क्या सोच रही है। क्या देख नहीं रही है कि क्या हो रहा है? क्या आपको दिख नहीं रहा है? आपकी सारी संपत्ति लूटी जा रही है। एक आदमी को दी जा रही है। गिने चुने उद्योगपतियों को सबकुछ दिया जा रहा है। यह किसकी संपत्ति है? यह आपकी संपत्ति है।”

प्रियंका गांधी ने आगे कहा, "आप हमें परिवारवादी कहते हैं। तो भगवान राम कौन थे? भगवान राम को वनवास में भेजा गया। उन्होंने अपने परिवार और अपनी धरती के प्रति अपना धर्म निभाया। क्या भगवान राम परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? कि वह अपने परिवार के संस्कारों के लिए लड़े। हमें क्या शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए। तरिंगे में उनका खून है। इस धरती में उनका खून है। इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है। जो सोचता है कि हमें अपमानित करके डराएंगे, हमें धमकाएंगे। जो सोचता है कि तमाम एजेंसियों को लगाकर, हमारे ऊपर छापे मारकर हमें डराएंगे वह गलत सोचते हैं। हम डरने वाले नहीं है। हम और मजबूती से लड़ेंगे।"

प्रियंका गांधी ने कहा, “यहां बैठे हुए मुझे एक बात याद आई। यह बात मई 1991 की है। मेरे पिता की शव यात्रा तीन मूर्ति भवन से निकल रही थी। अपनी मां के साथ और अपने भाई के साथ हम एक गाड़ी में बैठे थे। सामने भारतीय सेना की एक ट्रक थी, फूलों से लदी हुई थी, उसके ऊपर मेरे पिता जी का शव था। थोड़ी देर काफिला चला। तो राहुल कहने लगे कि मैं उतरना चाहता हूं। तो मां ने माना किया। राहुल ने जिद की, मैं उतरूंगा। राहुल गाड़ी से उतरा और वह सेना की ट्रेक के पीछे खड़ा होकर चलने लगा।"

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, “तीन मूर्ति से लेकर कड़ी धूम में अपने पिता के जनाजे के पीछे पैदल चलते-चलते मेरा भाई यहां तक पहुंचा। इस जगह से कुछ 400-500 गज दूर मेरे पिता का अंतिम संस्कार मेरे भाई ने किया। वह चित्र मेरे दिमाग में है। मेरे पिता का शव तिरंगे के नीचे था। तिरंगे के पीछे चलते चलते मेरा भाई यहां तक पहुंचा। उस शहीद पिता का अपमान भरी संसद में किया जाता है। उस शहीद के बेटे को देशद्रोही कहते हैं। आप मीर जाफर कहते हैं। उसकी मां का अपमान करते है। आपके मंत्री मेरी मां का अपमान भरी संसद में करते हैं। आपके एक मुख्यमंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी को पता भी नहीं है कि उनके पिता कौन हैं।"

प्रियंका गांधी ने कहा, "आपके प्रधानमंत्री भरी संसद में खड़े होकर कहते हैं कि यह परिवार नेहरू के नाम को इस्तेमाल क्यों नहीं करता। पूरे परिवार का अपमान करते हैं। कश्मीरी पंडित समाज के रिवाज का अपमान करते हैं। जिसके तहत एक बेटा अपने बाप के मरने पर पगड़ी पहनता है। परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाता है। लेकिन आप पर कोई मुकदमा नहीं होता। आपको दो साल की कोई सजा नहीं मिलती है। आपको कोई जेल की सजा नहीं मिलती है। आपको संसद से कोई बाहर नहीं निकालता है। आपको कोई मना नहीं करता है कि आप चुनाव नहीं लड़ सकते। सवाल यह है कि क्यों? आज तक हम चुप रहे हैं। हमारे परिवार का अपमान यह लगातार करते गए।”

उन्होंने कहा, “मेरे भाई ने क्या किया। संसद में वह मोदी जी के पास गए और उनसे गले मिले। मेरे भाई ने आपसे कहा कि मैं आप से नफरत नहीं कता हूं। मेरे दिल में आपके लिए कोई नफरत नहीं है। हमारी विचारधारा अलग है। लेकिन हमारी नफरत की विचाधारा नहीं है। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। क्या यही है इस देश की परंपरा? इस देश का प्रधानमंत्री कायर है। सच्चाई यही है। लगा दो केस मुझपर। जेल भेज दो मुझे। अपनी सत्ता के पीछे छिपा हुआ है। इस देश की परंपरा है की अहंकारी राजा को जनता जवाब देती है।"