हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का उन्हीं के इलाक़े में कड़ा विरोध, किसानों ने खोद डाला हेलिपैड

किसानों के विरोध के कारण दुष्यंत चौटाला का दौरा रद्द करना पड़ा, किसानों का कहना है कि जब तक दुष्यंत चौटाला किसानों का समर्थन नहीं करते उन्हें इस इलाक़े में घुसने नहीं देंगे

Updated: Dec 25, 2020, 12:14 AM IST

Photo Courtesy : Jansatta
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जींद, हरियाणा। मोदी सरकार के मंत्री भले ही दावा कर रहे हों कि देश के किसान नए कृषि क़ानूनों से खुश हैं और सिर्फ़ पंजाब के किसान ही कांग्रेस के उकसाने की वजह से उनका विरोध कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा की धरती पर तो कुछ और ही हाल देखने को मिल रहा है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को गुस्साए किसानों ने उनके अपने ही चुनाव क्षेत्र में घुसने से रोक दिया। किसानों को डिप्टी सीएम के कार्यक्रम का पता चला तो उनके लिए बनाए गए हेलिपैड पर गड्ढे खोदकर काले झंडे गाड़ दिए। इन हालात में दुष्यंत चौटाला गुरुवार को अपने निवार्चन क्षेत्र उचाना नहीं जा सके। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी अंबाला में किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

हरियाणा के उचाना विधानसभा क्षेत्र का करसिंधु गांव दुष्यंत चौटाला के समर्थन वाला गांव माना जाता है। लेकिन वहां भी युवा किसान और ग्रामीण हाथों में काले झंडे लेकर बस अड्डे के मुख्य रास्ते पर आ गए और उप-मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे। लोगों की नाराज़गी के बारे में पता चलने पर उपमुख्यमंत्री ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया।

बताया जा रहा है कि इलाके के किसान कृषि कानूनों के मुद्दे पर दुष्यंत चौटाला के किसानों के समर्थन में नहीं आने से खफा हैं। इलाके के किसान नेताओं ने मीडिया से कहा कि जब तक दुष्यंत चौटाला अपने पद से इस्तीफा देकर किसानों के बीच नहीं जाते तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार में शामिल है।

सीएम खट्टर को भी काले झंडे दिखा चुके हैं किसान

इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी किसान काले झंडे दिखा चुके हैं। ऐसा उस वक़्त हुआ था, जब खट्टर का काफिला मंगलवार को अंबाला शहर से गुजर रहा था। कुछ किसानों ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस उन्हें सुरक्षित निकालने में कामयाब रही। खट्टर अंबाला में आगामी निकाय चुनावों में महापौर और पार्षद के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करने आए थे। मुख्यमंत्री का काफिला जब अग्रसेन चौक को पार कर रहा था, तब किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक उनका विरोध प्रदर्शन इसी प्रकार जारी रहेगा।

किसानों पर हत्या की कोशिश जैसी संगीन धाराओं में केस दर्ज

इस सिलसिले में खट्टर सरकार ने 13 किसानों के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगा करने जैसे संगीन आरोपों में केस दर्ज कराया है। अंबाला के डीएसपी मदन लाल ने मीडिया से कहा कि हमने 13 किसानों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड के अलग-अलग सेक्शन में मामला दर्ज किया है। जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं, उनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगा करने का प्रयास), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (हथियार से मारपीट), 322 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 149 ( अवैध सभा) जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं।

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने खट्टर सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे सरकार की हताशा का नतीजा बताया है।