कर्नाटक में आज थम जाएगा चुनावी शोर, आखिरी दिन कांग्रेस ने झोंकी ताकत, राहुल-प्रियंका करेंगे रोड शो

आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का दोपहर के वक्त में रोड शो होने वाला है। उधर बीजेपी के भी कई बड़े नेता आज अलग-अलग जनसभा करेंगे।

Updated: May 08, 2023, 10:50 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाले हैं जिसको लेकर आज शाम प्रचार थम जाएगा। आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का दोपहर के वक्त में रोड शो होने वाला है। उधर बीजेपी के भी कई बड़े नेता आज अलग-अलग जनसभा करेंगे।

कर्नाटक में अब तक के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बीजेपी पर हमलावर रहे हैं। कांग्रेस स्थानीय मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में है। रविवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक के हुबली में जनसभा को संबोधित कर बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के वासी कड़ी मेहनत कर के अपना जीवन जी रहे हैं और इन्हें किसी के आर्शीवाद की जरूरत नहीं है। 

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अबतक जितने भी सर्वे रिपोर्ट आए हैं, उनमें कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। अधिकांश सर्वे रिपोर्ट का अनुमान है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाएगी। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल देखकर बीजेरी घबराई हुई है। स्थिति ये है कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी 29 अप्रैल से अब तक 18 जनसभा और 6 रोड शो कर चुके हैं। 

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इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तथा केंद्रीय मंत्रियों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी सहित अन्य ने भी प्रचार करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर चुके हैं।

भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ‘डबल इंजन’ की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा है। वहीं, कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही है और शुरूआत में इसके चुनाव प्रचार की बागडोर स्थानीय नेताओं के हाथों में थी। चुनाव के आखिरी दिनों में भाजपा ध्रुवीकरण की कोशिशें करती नजर आई। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान नहीं भटकने दिया।