Karnataka : यूनिवर्सिटी Online पढ़ाई 1 सितंबर से शुरू
अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर अंत तक पूरी कराने का आदेश

बैंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षा कराने और अगले अकादमिक वर्ष की पढ़ाई शुरू करने को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालयों को अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं इस साल सितंबर के अंत तक पूरी करनी हैं। वहीं अगले अकादमिक वर्ष की पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से एक सितंबर से शुरू करनी है और अक्टूबर (या सरकार, गृह मंत्रालय और यूजीसी के बताए समय के अनुसार) से ऑफलाइन तरीके से पढ़ाई शुरू होगी। यह आदेश राज्य के सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के विश्वविद्यालयों के लिए है।
अपने आदेश में कर्नाटक सरकार ने परीक्षा आयोजित करने के संबध में कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। उनमें से सबसे जरूरी यह है कि परीक्षा ऑनलाइन, ऑफलाइन अथवा दोनों तरीकों को मिलाकर आयोजित की जा सकती है। परीक्षा से पहले सिलैबस पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय छात्रों को पढा भी सकते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से वैकल्पिक है। परीक्षाएं आयोजित करते हुए कोरोना सुरक्षा निर्देशों का खास ख्याल रखना है।
Universities coming under the purview of Higher Education Department are required to complete the examinations for final year students by end of September 2020 in offline/online/blended (offline + online) mode following protocols related to COVID-19 pandemic: Karnataka government pic.twitter.com/2hk7oIoG60
— ANI (@ANI) July 10, 2020
अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर आदेश में कहा गया है कि इस सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं एकदम अनिवार्य हैं। अगर कोई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहा है तो उसे अगली बार परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया जा सकता है।
वहीं अंतिम सेमेस्टर के अलावा बाकी सेमेस्टर के मूल्यांकन के लिए आदेश में कहा गया है कि पचास प्रतिशत अंकों का निर्धारण विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए आंतरिक मूल्यांकन से होगा और बाकी के पचास प्रतिशत अंकों का निर्धारण पहले के सेमेस्टर में विद्यार्थी द्वारा किए गए प्रदर्शन पर होगा। आदेश में एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही गई है कि इन सेमेस्टर में में पढ़ रहा कोई विद्यार्थी अगर अपने ग्रेड सुधारना चाहता है तो वह अगली बार परीक्षाएं दे सकता है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर प्रथम वर्ष में पढ़ रहे विद्यार्थियों के पहले के ग्रेड मौजूद नहीं है तो उनके ग्रेड का निर्धारण पूरी तरह से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होगा। यह आदेश केवल अकादमिक वर्ष 2019-20 के लिए ही लागू होगा।