चेन्नई में 10वीं के प्रश्न पत्र पर विवाद, किसानों को हिंसक और विदेशी इशारे पर चलने वाला बताया गया
चेन्नई के एक प्राइवेट स्कूल में अंग्रेजी साहित्य की परीक्षा में पूछा गया किसान आंदोलन पर विवादित सवाल, हरसिमरत कौर ने कहा, किसानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के लिए और कितना गिरेंगी सरकारें

चेन्नई। चेन्नई के एक स्कूल की परीक्षा में बच्चों से 26 जनवरी को दिल्ली में हुए बवाल के बारे में ऐसा सवाल पूछा गया, जिस पर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। इस सवाल को किसानों का अपमान करने वाला माना जा रहा है। दरअसल इस सवाल में आंदोलनकारी किसानों को हिंसक, उपद्रवी और विदेशी इशारे पर काम करने वाला बताते हुए उनसे निपटने का उपाय बताने को कहा गया है। जिस स्कूल के प्रश्नपत्र में यह सवाल पूछा गया है वह CBSE से संबद्ध है।
स्कूल में बच्चों से ऐसे सवाल के पूछे जाने की चौतरफा आलोचना हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसे किसानों के लिए अपमानजनक और बच्चों के दिमाग को किसान के बारे में गुमराह करने की साज़िश का हिस्सा बताया है। उन्होंने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सवाल किया है कि आखिर हमारे किसानों का और कितना अपमान किया जाएगा?
Shocking to what extent govts can go to mislead young minds! If being called anti-national, Naxal etc wasn’t enough now a class X exam paper calls protesting farmers "violent maniacs who act under external instigation." How many more insults will be heaped on our #farmers? pic.twitter.com/lKcBfX4Aqs
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) February 20, 2021
AIADMK का कहना है कि 26 जनवरी को जो कुछ हुआ उसकी जांच हो रही है। ऐसे में किसी फैसले पर पहुंचने में सावधानी रखनी चाहिए। ऐसे विवादित सवाल छात्रों के बीच रखने में बेहद सतर्कता बरतना आवश्यक है। AIADMK प्रवक्ता ने कहा है कि निजी स्कूल ने पेपर सेट करते समय सावधानी नहीं बरती। संगीतकार टीएम कृष्णा ने भी ट्विटर के जरिए स्कूल में ऐसे सवाल पूछे जाने की आलोचना की है।
दरअसल 10वीं कक्षा के प्रश्न पत्र में छात्रों से कहा गया था कि वे "अपने शहर के एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक के नाम एक चिट्ठी लिखें। इस चिट्ठी में 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना की आलोचना करते हुए उपद्रवियों के ऐसे भयानक, हिंसक कृत्यों की निंदा करें, जो यह नहीं समझते कि देश उनके व्यक्तिगत लाभ से ज़्यादा ज़रूरी है। सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करना, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना और पुलिस कर्मियों पर हमला करना, ऐसे अपराध हैं, जिन्हें किसी भी वजह से सही नहीं ठहराया जा सकता है।" इसके साथ ही बच्चों से विदेशी इशारे पर काम करने वाले ऐसे उपद्रवियों से निपटने के उपाय बताने को भी कहा गया था।