हरिद्वार में शुरू हुआ महीनेभर का महाकुंभ, कोविड निगेटिव रिपोर्ट के बिना एंट्री की इजाज़त नहीं

हरिद्वार महाकुंभ स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की RTPCR कोरोना रिपोर्ट दिखाने पर ही मिलेगा स्नान का मौका, पहले से रजिस्ट्रेशन किए लोग सीधे कर सकेंगे स्नान

Updated: Apr 01, 2021, 08:30 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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हरिद्वार। गुरुवार से 30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ की शुरूआत हरिद्वार में हो चुकी है। मेला स्थल में  प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की RTPCR कोरोना रिपोर्ट दिखाने पर ही स्नान का मौका दिया जा रहा है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोग पवित्र गंगा में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य की गई है। स्नान के लिए जगह- जगह गोले लगाए गए हैं। जिससे सोशल  डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।

हरिद्वार महाकुंभ कई मायनों में खास है, इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है कि जब किसी महामारी की वजह से इसे नहीं टाला गया है। कुंभ मेला स्थल पर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 12 प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं पर खास नजर रहेगी। कोरोना प्रभावित महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से आने वाले यात्रियों को RTPCR नेगेटिल रिपोर्ट दिखाने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। मेला स्थल पर भी रेडंम सैंपलिंग होगी अगर किसी समूह का कोई सदस्य पॉजिटिव आता है तो उस समूह को वापस लौटा दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्धालुओं की रैंडम सैंपलिंग का इंतजाम किया है। श्रद्धालुओं को धर्मशालाओं और होटलों में कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही रहने की परमीशन दी जाएगी।

कोरोना महामारी की वजह से हरिद्वार महाकुंभ में शामिल होने से पहले श्रद्धालुओं को www.haridwarkkumbhmela2021.com या फिर www.haridwarkumbhpolice2021.com पर रजिस्टर  कराना होगा। इसमें श्रद्धालुओं को कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट अपलोड करना पड़ेगा। जब वे मेला स्थल पर पहुंचेगे तब उन्हें इस रजिस्ट्रेशन की कॉपी दिखानी होगी, जिसे मोबाइल पर या फिर इसका प्रिंट भी दिखाया जा सकता है, उसके बाद ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश मिलेगा। मेला स्थल पर मास्क लगाना जरूरी है। स्नान के लिए तय गोलों पर रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। वहीं मेला स्थल पर सैनिटाइजेशन के लिए कई बूथ और टीमें तैनात की गई हैं। मेला स्थल पर कोरोना जांच के लिए 33 टीमों का गठन किया गया है। इनमें दस प्राइवेट और 23 सरकारी टीमें हैं। प्रशासन ने रोजाना 10 हजार से ज्यादा लोगों के एंटीजन सैंपल लेने का इंतजाम किया है।

इस साल के कुंभ में 4 शाही स्नान होंगे जिनमें 13 अखाड़े भाग लेंगे। पहला शाही स्नाना अप्रैल 12 को सोमवती अमावस्या (शाही स्नान), अप्रैल 14 को बैसाखी (शाही स्नान) 21 अप्रैल को राम नवमी (स्नान), अप्रैल 27 को चैत्र पूर्णिमा (शाही स्नान) होगा।

गौरतलब है कि भारत में हर 12वें साल कुंभ का आयोजन होता है। यह कुंभ हर बार अलग- अलग स्थानों पर होता है। हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में इनका आयोजन किया जाता है। जानकारों की मानें तो कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में ऐसा मौका पड़ा है जब 12 साल की जगह 11वें साल में आयोजित किया जा रहा है। यह काल गणना और सूर्य के राशियों के अनुसार होता है।