ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का मुफ्त में होगा इलाज, महाराष्ट्र सरकार ने की घोषणा

ब्लैक फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहा जाता है, यह कोरोना से ठीक हुए मरीजों के शरीर में घर करती है, इस बीमारी से ज़्यादातर डायबिटीज़ के मरीज़ चपेट में आते हैं

Publish: May 11, 2021, 05:59 AM IST

Photo Courtesy: liveHindustan.com
Photo Courtesy: liveHindustan.com

मुंबई। ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की जनता को एक राहत भरी खबर दी है। महाराष्ट्र में अब ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाएगा। मरीजों का इलाज राज्य सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना को महात्मा ज्योतिराव फूले जन आरोग्य योजना के तहत किया जाएगा। 

ब्लैक फंगस के ज़्यादातर मामले महाराष्ट्र और गुजरात में देखे जा रहे हैं। यह बीमारी कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को अपनी चपेट में ले रही है। बीमारी कितनी घातक है, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मरीजों की आंख तक निकालने की नौबत आ पड़ी है। इस बीमारी की चपेट में आने वाले ज़्यादातर मरीजों की मौत हो रही है। 

यह भी पढ़ें : सूरत में कोरोना मरीजों के लिए आई नई मुसीबत, ठीक होने के बाद लोगों की निकालनी पड़ रही है आंख

डायबिटीज़ से पीड़ित मरीज़ सबसे ज़्यादा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ब्लैक फंगस नामक बीमारी को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का फंगस है जो कि मरीज़ के साइनस से आंखों में प्रवेश करती है, फिर इसके बाद यह सीधे मरीज़ के दिमाग तक पहुंच जाता है। 

चूंकि साइनस और आंख के बीच हड्डी होती है इसलिए इस फंगस को मरीज़ की आंख तक पहुंचने में एक दो दिन का समय लगता है। लेकिन आंख और दिमाग के बीच हड्डी न होने के कारण इसे दिमाग तक पहुंचने में समय नहीं लगता। इस बीमारी का शिकार लोगों की आंख निकाले जाने की नौबत आ गई है। अकेले गुजरात के सूरत में बीते कुछ दिनों में इस बीमारी के 40 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें 8 मरीजों की आंख निकाले जाने की नौबत आ चुकी है।