अब झूठ झोला उठाकर जाने वाला है, गांधी को कोई नहीं जानता वाले PM के बयान पर खड़गे का पलटवार
पीएम मोदी ने एक हिंदी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पहले महात्मा गांधी को ज्यादा लोग नहीं जानते थे, गांधी फिल्म आने के बाद दुनियाभर में उन्हें लोग जानने लगे।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी के भाषणों को लेकर उनकी खूब हुई। इसी बीच वह एक इंटरव्यू के दौरान ऐसी बात कर गए की अब उनकी चौतरफा फजीहत हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि गांधी फिल्म आने के बाद दुनिया में लोग महात्मा गांधी को जानने लगे। पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्ष हमलवार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि, ‘महात्मा गांधी दुनिया की एक महान आत्मा थे। इन 75 साल में क्या महात्मा गांधी के बारे में दुनिया को बताना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी? कोई भी उनके बारे में नहीं जानता था। मुझे माफ करें, लेकिन दुनिया में पहली बार उनके बारे में जिज्ञासा तब पैदा हुई, जब फिल्म ‘गांधी’ बनी।'
इंटरव्यू का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'जिनके वैचारिक पूर्वज नाथूराम गोडसे के साथ महात्मा गाँधी जी की हत्या में शामिल थे, वो बापू द्वारा दिए गए सत्य के मार्ग पर कभी नहीं चल सकते। अब झूठ झोला उठाकर जाने वाला है।'
जिनके वैचारिक पूर्वज नाथूराम गोडसे के साथ महात्मा गाँधी जी की हत्या में शामिल थे, वो बापू द्वारा दिए गए सत्य के मार्ग पर कभी नहीं चल सकते।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 29, 2024
अब झूठ झोला उठाकर जाने वाला है।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि, 'सिर्फ एंटायर पॉलिटिकल साइंस के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी।'
सिर्फ ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 29, 2024
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने लिखा, 'पता नहीं निवर्तमान प्रधानमंत्री कौन सी दुनिया में रहते हैं जहां 1982 से पहले महात्मा गांधी दुनिया भर में नहीं माने जाते थे। यदि किसी ने महात्मा की विरासत को नष्ट किया है तो वह स्वयं निवर्तमान प्रधानमंत्री ही हैं। वाराणसी, दिल्ली और अहमदाबाद में उनकी ही सरकार ने गांधीवादी संस्थाओं को नष्ट किया है। यही आरएसएस कार्यकर्ताओं की पहचान होती है कि वे महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद को नहीं जानते। उनकी विचारधारा ने जो माहौल बनाया था, उसी वजह से नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। 2024 का चुनाव महात्मा भक्त और गोडसे भक्त के बीच में हुआ है। निवर्तमान प्रधानमंत्री और उनके गोडसे भक्त साथियों की हार ज़ाहिर है।'