ममता का सीएम बनना देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं, ममता के सीएम बनने पर उमा भारती का अजीब तर्क
उमा भारती का कहना है कि पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता में नहीं तृणमूल कांग्रेस में अपना भरोसा जताया है, इसलिए ममता का मुख्यमंत्री बनना बताता है कि उनमें नैतिक बल नहीं है

भोपाल/कोलकाता। पश्चिम बंगाल के नतीजे आए अब एक हफ्ते का समय बीतने को है, लेकिन अब तक बीजेपी के कई नेता बंगाल में मिली करारी हार को पचा नहीं पा रहा हैं। जिसका नतीजा यह है कि चुनावों के परिणाम आने के बाद सीएम पद की शपथ लेने वालीं ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। बीजेपी नेता उमा भारती का कहना है कि ममता का सीएम बनना देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
उमा भारती ने गुरुवार को टीकमगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी में नहीं बल्कि टीएमसी में अपना भरोसा जताया है। इसलिए ममता बनर्जी का सीएम बनना देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उमा भारती का कहना है कि चूंकि ममता नंदीग्राम से चुनाव हार गईं, इसलिए उन्हें सीएम पद की शपथ नहीं लेनी चाहिए थी। उमा भारती ने कहा कि हारने के बावजूद ममता का सीएम बनना यह बताता है कि उनमें नैतिक बल नहीं है।
दरअसल ममता बनर्जी ने यह चुनाव नंदीग्राम सीट से लड़ा था। ममता ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ सीट से पर्चा भरा था। परिणाम में ममता की टीएमसी को प्रचण्ड जनादेश मिला। लेकिन खुद ममता नंदीग्राम से हार गईं। हालांकि यह पूरा चुनाव ममता के चेहरे पर लड़ा गया। ममता पिछले दस साल मुख्यमंत्री के पर काबिज हैं। ऐसे में उमा भारती का यह कहना कि बंगाल ने ममता को चेहरे के तौर पर स्वीकार नहीं किया है, यह तर्क बचकाना ही लगता है।