अब आग लगाना भी हुआ महंगा, 14 साल बाद बढ़े माचिस के दाम, सोशल मीडिया यूजर्स ने दी मजेदार प्रतिक्रिया

माचिस के दामों में भी लगी आग, अब दोगुने दाम पर मिलेगी डिब्बी, आमलोग बोले- मोदी जी पाषाण युग में ले जाकर ही मानेंगे

Updated: Oct 23, 2021, 08:25 AM IST

Photo Courtesy: Asianet
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नई दिल्ली। महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बुरी खबर है। अब आग लगाना भी महंगा होने जा रहा है। दरअसल, माचिस के दामों में भी आग लग गई है।  माचिस का रेट दोगुना करने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि 1 दिसंबर से माचिस की डिब्बी एक रुपए के बजाए दो रुपए में मिलेंगे। माचिस के दाम बढ़ने की खबर आने के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।

कीमत में बढ़ोतरी का ये फैसला ऑल इंडिया चैंबर ऑफ मैचेस की बैठक में लिया गया। माचिस निर्माताओं ने कहा कि माचिस बनाने के लिए 14 विभिन्न प्रकार के कच्चे माल की जरूरत होती है। पिछले कुछ समय से कच्चे माल की कीमतें बहुत बढ़ चुकी हैं, ऐसे में अब एक रुपए की डिब्बी देना मुश्किल हो रहा है। बहरहाल, माचिस के दामों में बढ़ोतरी की खबर जंगल की आग की भांति फैल गई है।

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सोशल मीडिया यूजर्स इसपर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर यूजर उमाशंकर सिंह ने लिखा है कि, 'पेट्रोल की लगातार बढ़ती क़ीमत देख माचिस ने कहा हमारी क़ीमत क्यों नहीं बढ़ रही हमारा क्या क़सूर! माचिस के कड़े रुख़ को देखते हुए क़ीमत दोगुनी की गई। 1 ₹ वाली डिब्बी 2₹ में मिलेगी।' 

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा है कि, '14 साल बाद 'माचिस' का दाम बढ़कर, BJP IT CELL कर्मचारियों की तनख्वाह के बराबर हुआ।' 

कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू लिखती हैं कि, 'लोग सोच रहे थे बिजली महंगी होने पर दिया, बाती, माचिस, मोमबत्ती से काम चला लेंगे..!! मोदी जी ने मास्टरस्ट्रोक मार दिया अब की बार माचिस दो रूपल्ली..!! “अच्छे दिन आने वाले हैं” 

इरम सईद नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि पीएम मोदी ने माचिस की डिब्बी तक को नहीं छोड़ी। पत्थर ढूंढना शुरू कर दो। पाषाण युग में ले जाकर ही मानेंगे। स्वाति मिश्रा लिखती हैं कि इससे चूल्हे जलाने वालों को फर्क पड़ेगा, आग लगाने वालों को नहीं। आदेश रावल लिखते हैं कि अब आग भी नहीं लगाने देंगे। 

शकील अख्तर ने लिखा है कि, 'सुकून के लिए बीड़ी या रोटी के लिए चूल्हा जलाना भी मुश्किल। माचिस भी मंहगी कर दी! माचिस का मांगना कभी बुरा नहीं माना जाता था। बीड़ी सिगरेट पीने वाले अनजान लोगों से माचिस मांग लेते थे। गांव का गरीब से गरीब भी माचिस शान से देता था। मगर अब एक रु. के बदले दो की कर दी। पूरी दोगुनी!' 

बता दें कि माचिस की डिब्बी के दाम 14 साल बाद बढ़ने वाले हैं। इसके पहले माचिस की कीमत में बढ़ोतरी साल 2007 में हुआ था, उस वक्त इसकी कीमत 50 पैसे से बढ़ाकर 1 रुपये की गई थी।