कर्मचारियों की भविष्य निधि से खिलवाड़ कर रही मोदी सरकार, GPF के ब्याज दर कम किए जाने पर बरसे दिग्विजय सिंह

केंद्र सरकार के दबाव में EPFO ने कर्मचारी भविष्य निधि का 15 फीसदी करीब एक लाख 57 करोड़ रूपये NSE के जरिये 50 कंपनियों में निवेश कर रखा है, सरकार ने कर्मचारियों का रूपया भी जोखिम में लगा रखा है: दिग्विजय सिंह

Publish: Jun 13, 2023, 07:32 PM IST

नई दिल्ली/ भोपाल।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने GPF के ब्याज दर कम किए जाने को लेकर केंद्र सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारियों की भविष्य निधि से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कर्मचारियों की भविष्य निधि पर मिलने वाली ब्याज दर को बढ़ाने की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को इस संबंध में बयान जारी कर कहा, "देश के लाखों कर्मचारियों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा भेदभाव कर शोषण किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में केन्द्र सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। पूर्व में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार के समय कर्मचारियों को भविष्य निधि कोष (GPF) में जमा राशि पर 8.7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता था।"

सिंह ने केंद्र को निशाने पर लेते हुए कहा, "कर्मचारियों को दी जाने वाली ब्याज राशि बढ़ाने की जगह केंद्र सरकार ने ब्याज राशि कम करके 7.1 प्रतिशत कर कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है। जबकि सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली GPF की रकम कर्मचारियों के बुढ़ापे का बहुत बड़ा सहारा होती है। इस संचित धन से वह अपने परिवार की देखभाल करता है।"

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सिंह ने आगे कहा कि, "कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पास जमा होने वाले फंड पर डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के समय 2014 तक 8.75 की दर से कर्मचारियों को ब्याज मिलता था। कर्मचारी विरोधी मोदी सरकार ने इसे भी घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया था। कर्मचारी संगठनों के बहुत विरोध के बाद यह ब्याज दर बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत की है जो डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के समय देय ब्याज दर 8.75 प्रतिशत से बहुत कम है।"

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सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, "केंद्र सरकार के दबाव में EPFO ने कर्मचारी भविष्य निधि का 15 प्रतिशत करीब एक लाख 57 करोड़ रूपये नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिये 50 कंपनियों में निवेश कर रखा है। परोक्ष रूप से इन कंपनियों में भी कर्मचारियों की जिंदगी भर की बचत सरकार ने निवेशित कर जोखिम लिया है। जबकि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में आये दिन उतार चढ़ाव होते रहते हैं। इस तरह सरकार ने कर्मचारियों का रूपया भी जोखिम में लगा रखा है।" सिंह ने केंद्र सरकार से कर्मचारियों की भविष्य निधि पर मिलने वाली ब्याज दर को बढ़ाकर देश के दो करोड़ से अधिक कर्मचारियों को संरक्षण दिये जाने की मांग की है।