आग लगी या लगाई गई, स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए जांच, सतपुड़ा भवन अग्निकांड पर बोले कमलनाथ

सतपुड़ा भवन में लगी आग भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह आग लगी या लगाई गई, यह एक प्रश्न है। अभी तक यह कहा गया है कि 12 हजार फाइलें जली हैं, पता नहीं कितने हजारों फाइलें जली हैं। उसका क्या लक्ष्य था? क्या उद्देश्य था: कमलनाथ

Updated: Jun 13, 2023, 03:40 PM IST

भोपाल। सतपुड़ा भवन अग्निकांड को लेकर राज्य की शिवराज सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस अग्निकांड को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले पर पीसीसी चीफ कमलनाथ का भी बयान सामने आया है। पूर्व सीएम ने कहा कि सतपुड़ा भवन में लगी आग भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।

कमलनाथ ने बयान जारी कर कहा, "सतपुड़ा भवन में लगी आग भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह आग लगी या लगाई गई, यह एक प्रश्न है। अभी तक यह कहा गया है कि 12 हजार फाइलें जली हैं, पता नहीं कितने हजारों फाइलें जली हैं। उसका क्या लक्ष्य था? क्या उद्देश्य था? यह एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है और इस पर स्वतंत्र जांच एजेंसी से पूरी जांच होनी चाहिए।"

कमलनाथ से जब पूछा गया कि इससे पहले भी आग लग चुकी है और इसके लिए सरकार की ओर से क्या तैयारी होनी चाहिए तो उनका जवाब था कि इनकी तो किसी चीज की तैयारी नहीं है, केवल तैयारी पैसे बनाने की है। मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह की सरकार ने अपनी लंका खुद जला ली, ताकि उनके काले कारनामे उजागर नहीं हो सकें।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह मंगलवार दोपहर सतपुड़ा भवन के बाहर धरने पर भी बैठ गए। दरअसल, डॉ. गोविंद सिंह के नेतृत्व कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सतपुड़ा भवन पहुंचा था। वह आग से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, विधायक पीसी शर्मा वहीं धरने पर बैठ गए।

इस दौरान पीसी शर्मा ने कहा, 'मुझे और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह एवं कांग्रेस के विधायक साथियों को आग बुझने के बाद सतपुड़ा भवन के अंदर जाने से रोक दिया गया है,सरकार के सतपुड़ा भवन में 12000 फ़ाइलें जो नर्सिंग घोटाले से लेकर कोविड घोटाले की थी जलकर ख़ाक हो गयी है, बाकी बची फ़ाइले भी जलाने की तैयारी चल रही है, इसीलिए हमें अंदर जाने से रोका जा रहा है! 50% कमीशन बाज़ी, अंत दिखा तो आग लगा दी।'