अडानी मामले में शेल कंपनियों को लेकर घिरी मोदी सरकार, कांग्रेस-टीएमसी ने बोला हमला

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि उसे शेल कंपनी की परिभाषा नहीं पता है और इसकी कोई जानकारी भी नहीं है।

Updated: Mar 27, 2023, 04:13 PM IST

नई दिल्ली। अडानी गेट कांड में केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्षी दल लगातार जेपीसी गठन की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं। इसी बीच केंद्र सरकार यह कहकर फंसती नजर आ रही है कि उसे शेल कंपनियों की परिभाषा नहीं पता।

दरअसल, कांग्रेस का आरोप है कि उद्योगपति गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी चीन के नागरिकों के साथ मिलकर शेल कंपनियां चला रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि इन शेल कंपनियों की मदद से ही अडानी समूह द्वारा मार्केट मैन्युपुलेशन किया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार पूछ रहे हैं कि 20 हजार करोड़ कहां से आए? राहुल के मुताबिक ये रुपए अडानी के नहीं हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे पास भारतीय नागरिकों की स्वामित्व वाली शेल कंपनियों का कोई डेटा नहीं है। साथ ही केंद्र को शेल कंपनियों का परिभाषा भी नहीं पता। विपक्षी दलों ने अब इस मामले में भी केंद्र को घेरना शुरू कर दिया है।

केंद्र के जवाब पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, '8 जून 2018 को सरकार शेल कंपनियों को खतरा बताते हुए उनपर बने टास्क फोर्स की गतिविधियों पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करती है। वहीं, 21 मार्च 2023 को सरकार ने राज्यसभा में जवाब दिया कि शेल कंपनी की कोई परिभाषा नहीं है और इसकी कोई जानकारी नहीं है। मोदानी है तो मुमकिन है!'

वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, 'सरकार अडानी के खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकती है? वित्त मंत्रालय को शेल फर्म का परिभाषा नहीं पता। राज्यसभा में लिखित जवाब कहता है कोई सुराग नहीं इसलिए कोई कार्रवाई नहीं।'