संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू, अग्निपथ योजना और महंगाई को लेकर हंगामे के आसार

आज से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा, इस बार संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे हैं, विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और अग्निपथ जैसे अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है

Updated: Jul 18, 2022, 04:13 AM IST

नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 18 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 24 बिल पेश किए जाने हैं। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने 25 मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराये जाने की मांग की है। विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र में सेना में भर्ती की नयी योजना अग्निपथ, महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर सरकार को घेरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर भी आपत्ति जताई है।

 इस बार संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे हैं। विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और अग्निपथ जैसे अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष सरकार को महंगाई, अग्निपथ, ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेगा। इस बार संसद का मानसून सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि आज ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

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विपक्ष ने हेट स्पीच जैसे मुद्दों पर भी सदन के भीतर चर्चा पर अड़ने का संकेत दिया है। वहीं सरकार का कहना है कि मुद्दे के अभाव में विपक्ष बिना आधार वाले विषय को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक शुरू होने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इसमें शामिल नहीं होने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि क्या यह असंसदीय नहीं है?

बैठक में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष सदन को सुचारु रूप से चलाने के पक्ष में है, ताकि जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को उठाया जा सके। संसदीय प्रणाली में जहां सरकार के विधेयक को पारित करना अहम होता है, वहीं ज्वलंत मुद्दों पर अल्पकालीन चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और विशेष उल्लेख जैसे गैर-सरकारी कामकाज भी जरूरी है। इसपर प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार सभी अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष ऐसे मुद्दे उठाने की कोशिश कर रहा है, जो वास्तव में मुद्दा है ही नहीं।