मोरबी ब्रिज हादसा: 49 में 22 केबल पहले से टूटी हुई थी, SIT की रिपोर्ट चौंकाने वाला खुलासा

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिज के 49 में से 22 तार जर्जर थे। वे लगभग टूटे हुए थे। इन्हें बस किसी तरह से वेल्ड कर दिया गया था। अनदेखी और कामचलाऊ मरम्मत के चलते ही इस तना बड़ा हादसा हुआ।

Updated: Feb 20, 2023, 06:36 AM IST

मोरबी। गुजरात के मोरबी में हुए केबल ब्रिज हादसे में नया खुलासा हुआ है। एसाईटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया है कि केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग लगा हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुल की 49 केबल में से 22 में जंग लग चुकी थी। SIT का मानना है कि ये 22 तार पहले ही टूट चुके होंगे। जब पुल पर लोगों की तादाद बढ़ी तो बाकी 27 तार वजन नहीं उठा पाए और टूट गए।

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि रेनोवेशन के दौरान पुराने सस्पेंडर्स को नई रॉड के साथ वेल्ड कर दिया गया था। इतना ही नहीं एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि मोरबी नगर पालिका ने बिना जनरल बोर्ड की मंजूरी के ही कॉन्ट्रैक्ट दे दिया था। इसकी कोई चर्चा नहीं की गई थी। ओरेवा ग्रुप ने इसके बाद मरम्मत के लिए ब्रिज को बंद रखा और 26 अक्टूबर को बिना मंजूरी के खोल दिया था।

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एसआईटी की रिपोर्ट की मानें तो यह दुर्घटना को दावत दी गई थी। पुल की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल रहे ओरेवा ग्रुप ने घोर लारवाही बरती। जिसके चलते यह बड़ा हादसा हुआ और इसमें 135 लोगों की जान चली गई। मोरबी ब्रिज खोलने से पहले कोई वेट टेस्टिंग या स्ट्रक्चर टेस्टिंग नहीं हुई थी। रिपोर्ट में लिखा है कि अलग-अलग लकड़ी के तख्तों को एल्यूमीनियम डेक से बदलना भी हादसे का एक कारण है। ब्रिज पर लचीले लकड़ी के तख्तों की जगह कठोर एल्यूमीनियम पैनल से बनी थी। इससे पुल का अपना वजन भी बढ़ गया था।

एसआईटी ने इस रिपोर्ट को दिसंबर, 2022 में ही सौंप दिया था। हालांकि इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा मोरबी नगर पालिका के साथ शेयर किया गया। मोरबी हादसे के बाद पुलिस ने ग्रुप से जुड़े 9 कर्मचारियों को पकड़ा था। उसके साथ ग्रुप के एमडी और प्रमोटर जयसुख पटेल सरेंडर के बाद जेल में बंद हैं। पुलिस इस मामले में 1262 पेज की चार्जशीट पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है।