Narendra Modi: MSP बंद नहीं होगा, सरकार वार्ता को तैयार, लेकिन कुछ लोग आंदोलनजीवी बने

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, विपक्ष के जो लोग आज कृषि क़ानूनों की विरोध कर रहे हैं, वे उन्हीं सुधारों का समर्थन करते रहे हैं, मनमोहन सिंह का उद्धरण भी सुनाया

Updated: Feb 08, 2021, 07:10 AM IST

Photo Courtesy: India TV
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। मोदी ने अपने भाषण में कृषि कानूनों और उसके ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए विपक्ष पर जमकर वार किए। उन्होंने कहा कि विपक्ष आज जिन बातों का विरोध कर रहा है, पहले उनकी सरकारें और नेता उन्हीं सुधारों की वकालत करते रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान का उद्धरण भी दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आज एक बार फिर से भरोसा दिलाया कि MSP बंद नहीं किया जाएगा।

नए FDI का मतलब है फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी : मोदी

मोदी ने अपने भाषण में किसान आंदोलन का चर्चा करते हुए यह भी कहा कि हम बुद्धिजीवी, श्रमजीवी जैसे शब्दों से परिचित हैं, लेकिन आजकर देश में एक नयी जमात आंदोलनजीवियों की आ गई है। नयें आंदोलनजीवी कोई भी आंदोलन हो उसमें शामिल हो जाते हैं। ये आंदोलनजीवी दरअसल परजीवी होते हैं। मोदी ने कहा कि देश में के सामने एक नया FDI आया है, जिसका मतलब है फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी, देश को इससे बचना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हैं जो भारत को अस्थिर-अशांत देखना चाहते हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। आजादी मिली तो सबसे ज्यादा पंजाब को नुकसान हुआ। इसके पीछे कौन सी ताकतें हैं, हर सरकार ने इसको जाना है, परखा है और जांचा है। कुछ लोग हमारे सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख भाई पर गर्व करता है। देश के लिए क्या कुछ नहीं किया उन्होंने। 

पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलनकारियों के साथ सरकार लगातार बात करती रही है। हमें आंदोलनकारियों को समझाते हुए देश को आगे ले जाना होगा। एमएसपी है, एमएसपी था और एमएसपी रहेगा...मेहरबानी कर के भ्रम न फैलाएं। कृषि कानूनों पर विपक्ष के विरोध की तुलना पीएम मोदी ने शादी में नाराज होने वाले रिश्तेदारों से की। उन्होंने कहा जब इतना बड़ा परिवार है तो यह सब लगा रहता है। जैसे शादी में फूफी नाराज़ हो जाती है कि हमें नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता किसान आंदोलन के बारे में तो बहुत बातें करते हैं, लेकिन कोई ये बात नहीं करता कि आखिर वो मुद्दे क्या हैं, जिनकी वजह से वे कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 

पीएम मोदी ने कृषि कानून पर विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कई राजनीतिज्ञ यू-टर्न मार रहे हैं। सियासत इतनी हावी हो गई है कि अपने ही विचार पीछे छूट जाते हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी वैसे ही सुधारों की वकालत कर चुके हैं, जिनका कांग्रेस आज विरोध कर रही है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग मेरी बात नहीं मानते, लेकिन मनमोहन सिंह की बात तो माननी चाहिए। 

मोदी ने कहा कि संसद में लोकतंत्र को लेकर काफी उपदेश दिए गए हैं। मैं नहीं मानता कि जो बातें बताई गई हैं देश का कोई भी नागरिक उन पर भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं, ऐसी गलती हम न करें। इससे कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र बहुत मजबूत है। भारत राष्ट्रवाद संकीर्ण नहीं है। हमें अपने युवा पीढ़ी को सिखाना होगा कि भारत लोकतंत्र की जननी है।