बिप्लब देब के बयान से भड़के पड़ोसी देश, श्रीलंका, नेपाल में बीजेपी के विस्तार पर किया था दावा

त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने कहा था कि अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए नेपाल-श्रीलंका में भी बीजेपी का विस्तार करने और वहाँ भी जीत दर्ज करने की बात कही थी, नेपाल, श्रीलंका दोनों ने इस पर एतराज़ किया है

Updated: Feb 17, 2021, 01:17 PM IST

Photo Courtesy : BBC
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काठमांडू। त्रिपुरा की बीजेपी सरकार के बड़बोले मुख्यमंत्री बिप्लब देब के हाल के एक बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार की किरकिरी कर दी है। बीजेपी नेता ने हाल ही में कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह जब बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने श्रीलंका और नेपाल में भी बीजेपी का विस्तार करके वहां भी जीत हासिल करने की महत्वाकांक्षा जाहिर की थी। अब नेपाल ने बिप्लब देब के इस बयान पर सख्त एतराज़ जाहिर किया है। इससे पहले श्रीलंका भी उनके इस बयान का सख्त विरोध कर चुका है। हालांकि इस मामले में भारत सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है।

बिप्लब देब के इस बयान से नेपाल के लोगों में भी काफी नाराज़गी देखने को मिल रही है। ट्विटर पर नेपाल के एक यूजर ने बिप्लब देब के बयान की एक रिपोर्ट को शेयर किया था, जिसके बाद नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने बताया कि उनकी सरकार ने इस बयान पर भारत के सामने 'औपचारिक आपत्ति' जाहिर कर दी है। 

 

काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य ने भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अरिंदम बागची को फोन करके देब के बयान पर सख्त एतराज़ जाहिर किया है। इस मामले में भारतीय अधिकारी ने उन्हें कहा कि भारत सरकार के ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है और जल्द ही  इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।

 

इसके पहले सोमवार को श्रीलंका ने भी बीजेपी नेता के बयान को संज्ञान में लिया था। श्रीलंका के चुनाव आयोग के अध्यक्ष निमल पुंचीहेवा ने श्रीलंका में अपनी राजनीतिक इकाई स्थापित करने के बीजेपी के कथित इरादे की खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि श्रीलंका का कानून इसकी इजाजत नहीं देता है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, रविवार को अगरतला में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान श्रीलंका और नेपाल में भी बीजेपी का विस्तार करने और वहां भी जीत हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी। बिप्लब देब ने कहा था,  'गृह मंत्री जी तब राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। मैंने एक बैठक में कहा कि अध्यक्ष जी बहुत स्टेट हमलोग के पास हो गया है। अब तो अच्छा हो गया है। इस पर अध्यक्ष जी ने कहा- अरे काहे अच्छा हो गया है। अभी तो श्रीलंका बाक़ी है। नेपाल बाक़ी है। मतलब उस आदमी को...बोलता है कि देश का तो कर ही लेंगे...श्रीलंका है...नेपाल है...वहाँ भी तो पार्टी को लेकर जाना है। वहाँ भी जीतना है।' 

बीजेपी नेता के इस बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (प्रचंड गुट) के नेता युवराज चौंलगाईं ने बीबीसी से कहा कि बिप्लब देब की यह टिप्पणी नेपाल की संप्रभुता का अपमान है। उन्होंने कहा कि, 'इस टिप्पणी से पता चलता है कि भारत का शासक वर्ग नेपाल को लेकर क्या सोच रखता है। आप ये कैसे कह सकते हैं? नेपाल एक संप्रभु देश है और उसके बारे में उसी सम्मान के साथ कोई टिप्पणी होनी चाहिए।'

बिप्लब देब के इस अजीबोगरीब बयान की नेपाल और श्रीलंका के साथ-साथ भारत के भी कई नेताओं ने निंदा की है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने इसे बकवास करार देते हुए गृहमंत्री अमित शाह से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उनका कहना है कि अगर मुख्यमंत्री का बयान सही है तो इससे बीजेपी की खतरनाक मानसिकता का पता चलता है। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे हास्यास्पद बताते हुए पूछा है कि विदेश मंत्रालय इस बारे में क्या सोचता है। देश में सरकार चला रही पार्टी के एक मुख्यमंत्री का यह दावा वाकई हैरान करने वाला है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह को भी आगे बढ़कर स्थिति साफ करनी चाहिए, ताकि ऐसे बेतुके बयानों का असर पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर न पड़े।