नीतीश कुमार ने दिया जेडीयू अध्यक्ष बनने का ऑफर, मैने मना कर दिया: प्रशांत किशोर का बड़ा दावा

प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनके बहुत होशियार बन रहे हैं। अभी 10-15 दिन उन्होंने मुझे बुलाकर बोला कि हमारी पार्टी का नेतृत्व कीजिए। मैने साफ मना कर दिया।

Updated: Oct 05, 2022, 04:05 AM IST

पटना। पोल स्ट्रेटजिस्ट से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर एक बार फिर हमला बोला है। पीके ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर वे होशियार बन रहे हैं। मुझे हाल ही में बुलाकर कहा कि जेडीयू का नेतृत्व कीजिए। मैने तो साफ मना कर दिया। लोग समझ रहे हैं कि हमें धकिया देंगे, हमने तो बड़े-बड़े लोगों के नाक में दम किया है।

अपने जन सुराज अभियान के तहत बिहार में 3500 किलोमीटर की ‘‘पदयात्रा'' पर निकले किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा था कि हमारी मदद कीजिए। 2015 में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगा दिया था। अब मुख्यमंत्री हो गए तो होशियार बन रहे हैं।'

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प्रशांत किशोर ने सीएम से हुई हालिया मुलाकात को लेकर कहा कि, 'अभी कुछ 10 से 15 दिन पहले उन्होंने मुलाकात के लिए बुलाया और साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव को हमने सीधे मना कर दिया और कहा कि ये सब अब हमसे नहीं होगा। एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3500 किमी चलकर गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाना है, वही करेंगे।'

आईपैक के फाउंडर किशोर ने कहा, ‘मैं एक डॉक्टर का बेटा हूं, देश भर में अपनी योग्यता साबित करने के बाद अपने गृह राज्य में काम करने की कोशिश कर रहा हूं।' पीके का ये बयान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा उनकी फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठाने के एक दिन बाद आया। उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा, 'जो लोग जानना चाहते हैं कि मुझे पैसा कहां से मिल रहा है, उन्हें पता होना चाहिए कि उनकी तरह मैंने दलाली नहीं की है। अपनी बुद्धि से 10 साल काम किया है।'

उन्होंने कहा कि, 'हमने ठेकेदारों से पैसे नहीं लिए और न ही दलाली की है। हमने केवल बिहार में बदलाव के लिए फीस ली है। उनके लिए ही काम किया है ताकि पदयात्रा करके लोगों तक पहुंचा जा सके। मैंने किसी से आजतक पैसे नहीं लिए पर अब ले रहा हूं। प्रशांत किशोर ने जनता से कहा कि उन्होंने अब तक मेहनत और बुद्धि से 10 साल काम किया है और यही कारण है कि अब तक कई पार्टियां उनसे चिढ़ कर बैठ गई हैं। उनपर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।'

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बता दें कि प्रशांत किशोर को साल 2018 में जदयू में शामिल किया गया था और वह कुछ ही हफ्तों में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये गए थे। हालांकि सीएए-एनआरसी विवाद को लेकर कुमार के साथ तकरार के कारण कुछ साल से भी कम समय में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।