पटना: बिहार सरकार के स्वास्थ्य दावों की खुली पोल, NMCH के बाहर लगा रेजिस्ट्रेशन बंद होने का बोर्ड

नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दावा है कि मरीजों के लिए बिहार सरकार के पास पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के दावों की पोल राजधानी के नामचीन सरकारी अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड ने खोल दिया है

Updated: Apr 20, 2021, 01:18 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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पटना। नीतीश सरकार के बेहतर स्वास्थ्य दावों की पोल खुल गई है। राजधानी पटना में एनएमसीएच के बाहर रेजिस्ट्रेशन बंद होनेे का बोर्ड लगा दिया गया है। अस्पताल के पास मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त संख्या में बेड ही नहीं हैं। इसलिए राजधानी के नामचीन सरकारी अस्पताल में मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है। 

नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय लगातार कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के दावों की पोल अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड ने ही खोल दी है। अस्पताल के मुहाने पर भी अस्पताल में जगह नहीं होने की पर्चियां चस्पा कर दी गई हैं। यह सब कुछ सोशल मीडिया पर जमकर वायराल हो रहा है। जिस वजह से नीतीश सरकार अब किरकिरी का पात्र बन गई है। 

एनएमसीएच के खस्ता हाल की जानकारी मिलने के बाद जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव एनएमसीएच के दौरे पर पहुंचे थे। पप्पू यादव ने एनएमसीएच के डॉक्टरों से जब बात कि तब डॉक्टरों ने बताया कि पिछली लहर की तुलना में कोरोना की यह लहर बहुत भयावह है। अस्पताल में जो मरीज़ भर्ती हो रहे हैं, उन्हें रिकवर करने में काफी समय लग जा रहा है। इसी दौरान अस्पताल में नए मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके परिणामस्वरूप अब अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए अब जगह ही नहीं बची है।  

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर हालत पर राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला है। आरजेडी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा है कि यह बिहार के सबसे बड़े कोविड समर्पित अस्पताल का हाल है। लेकिन अगर सकारात्मक रहने के लिए जब आप नीतीश कुमार की प्रेस वार्ता सुनेंगे तब आपको लगेगा कि बिहार में कहीं कोई समस्या ही नहीं है।