कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता, दिल्ली में सालभर पटाखे बैन के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट के सामने कहा था कि हम पटाखा बैन को पूरे साल लागू करने का फैसला सभी संबंधित विभागों से सलाह के बाद लेंगे।

Updated: Nov 11, 2024, 06:40 PM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के रवैए पर नाराजगी जताते हुए कई बड़े सवाल पूछे हैं। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ⁠पटाखों पर बैन सिर्फ आईवॉश है। क्या किसी को प्रदूषण फैलाने का मौलिक अधिकार है? प्रतिबंध पूरे साल होना चाहिए। सिर्फ दीवाली पर नहीं। कोर्ट ने पूछा कि शादियों और चुनाव जीतने के दौरान पटाखे जलाए जा रहे हैं, पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध था। क्या पुलिस ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, आपने जो कुछ जब्त किया है, वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है। न्यायालय ने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगाई जाए। कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से कहा कि दिल्ली में सालभर पटाखा बैन पर 25 नवंबर से पहले फैसला लें। 

इसपर दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट के सामने कहा था कि हम पटाखा बैन को पूरे साल लागू करने का फैसला सभी संबंधित विभागों से सलाह के बाद लेंगे। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर पटाखों पर बैन लगाने के लिए स्पेशल सेल बनाएं।

सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है, जिससे प्रदूषण फैलता हो। अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है। प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीना मौलिक अधिकार है।