90 में से केवल 3 सचिव OBC, कैसे होगा न्याय, राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल में की OBC कोटे की मांग
लोकसभा में महिला विधेयक पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं विधेयक के समर्थन में हूं, लेकिन ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण के बिना यह अधूरा है।
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नई दिल्ली। महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चल रही बहस के दौरान विपक्षी दलों ने कोटे के भीतर कोटा का मांग पुरजोर तरीके से उठाया। राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए कहा कि वह आरक्षण विधेयक के समर्थन में हैं लेकिन ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण के बिना यह अधूरा है।
राहुल गांधी ने चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि हमारे इंस्टीट्यूशंस में OBC की भागीदारी कितनी है, मैंने इसकी रिसर्च की। सरकार चलाने वाले जो 90 सेक्रेटरी हैं इसमें से कितने ओबीसी से आते हैं? सिर्फ 3 ओबीसी से आते हैं। ये 5 प्रतिशत ही बजट कंट्रोल करते हैं। यह चर्चा भारत के लोगों को सत्ता का हस्तांतरण है। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है।
राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, 'ये अजीब है कि आप नए सेंसस और परिसीमन का इंतजार करेंगे। आप आज अभी एक तिहाई आरक्षण दे सकते हैं। आप इसको कहीं न कहीं टालना चाहते हैं। हमारे दोस्त आप ध्यान भटकाने चाहते हैं। एक अडानी मसले से। आपने ये बिल्डिंग (संसद) बनाई, हम यहां राष्ट्रपति को देखना चाहते हैं । उनको यहां होना चाहिए था। आप जातिगत जनगणना से भी ध्यान भटकाना चाहते हैं। आप उससे ध्यान भटका रहे हैं। जब भी विपक्ष जातीय जनगणना की बात करता है, भटकाने वाले मुद्दे लाए जाते हैं।'
बता दें कि महिला आरक्षण बिल का अभी तक किसी बड़े दल ने सिरे से विरोध नहीं किया है। विपक्षी दलों ने बिल के प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई है। दो सबसे बड़ी आपत्तियां जताई जा रही हैं, एक ये कि इस कानून को तुरंत क्यों नहीं लागू किया जा रहा है, परिसीमन की शर्त क्यों रखी गई है। दूसरी ये कि इस बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से कोटा क्यों नहीं दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी ने तो ये भी कहा है कि बिल के प्रावधानों के मुताबिक मौजूदा एससी-एसटी कोटे से काटकर एससी-एसटी महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाए बल्कि महिला आरक्षण के 33 प्रतिशत में ही एससी-एसटी महिलाओं को कोटा दिया जाए।