सिर्फ सरकार ही खरीद सकती है पेगासस जासूसी का सॉफ़्टवेयर, प्राइवेट संस्था नहीं: इजरायली राजदूत

भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि NSO इज़रायल की एक प्राइवेट कंपनी है, और हम कंपनियों को एक्सपोर्ट लाइसेंस सिर्फ सरकारों को ही एक्सपोर्ट्स के लिए देते हैं.. NSO किसी भी प्राइवेट संस्था अथवा व्यक्ति को पेगासस नहीं बेच सकती

Updated: Oct 29, 2021, 05:30 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेगासस जासूसी कांड को लेकर जांच कमेटी गठित करने के बाद जासूसी का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन के एक बयान ने फिर से शक की सुई केंद्र सरकार की ओर घुमा दी है। इजरायली राजदूत ने कहा है इजरायल की एक्सपोर्ट लाइसेंस पॉलिसी के मुताबिक पेगासस स्पाईवेयर सिर्फ सरकार ही खरीद सकती है।

इजरायली राजदूत से गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों ने पूछा कि क्या पेगासस बनाने वाली NSO कंपनी अवैध रूप से लोगों की निगरानी कर रही है? क्या पेगासस के मुद्दे पर भारत सरकार ने इजरायल से संपर्क किया है? इन सवालों के जवाब में इजरायली राजदूत ने सिर्फ इतना ही कहा कि हम NSO को केवल सरकारों को सॉफ्टवेयर बेचने का लाइसेंस देते हैं।

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नाओर गिलोन ने कहा, 'पेगासस स्पाईवेयर को लेकर भारत में जो कुछ भी हो रहा है वह उसका आंतरिक मामला है। इसपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। पेगासस बनाने वाली कंपनी NSO एक निजी कंपनी है। इजरायल सरकार ने उसे अपना प्रोडक्ट सिर्फ सरकारों को बेचने का लाइसेंस दिया है। NSO इस स्पाईवेयर को किसी प्राइवेट संस्था को नहीं बेच सकती। इससे अधिक मैं कुछ नहीं कह सकता।' 

इजरायली राजदूत का यह बयान सामने आने के बाद विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि भारत के मामले में निश्चित ही केंद्र सरकार ने इस जासूसी सॉफ्टवेयर को खरीदा है। चिदंबरम ने पूछा है कि क्या दूरसंचार मंत्री यह स्वीकार करेंगे कि पेगासस को भारत सरकार ने खरीदा है। यदि वे चुप्पी साधे रहते हैं तो यह उनके रिपोर्ट कार्ड पर एक धब्बा है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी हफ्ते पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जासूसी कांड की जांच करेगी। रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में बनी इस स्वतंत्र जांच कमेटी में साइबर सिक्युरिटी और डिजिटल फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को भी शामिल किया गया है।