RTI में खुलासा: भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित, 17 लाख से ज्यादा अत्यंत कुपोषित

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं, कुपोषण के मामले में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं

Updated: Nov 08, 2021, 04:55 AM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस समय 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। कुपोषण को लेकर ये चिंताजनक आंकड़े महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए प्रश्न में बताया है। हैरानी की बात ये है कि इनमें से आधे से अधिक बच्चे अत्यंत कुपोषित हैं। कुपोषण के मामले में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात देश में सबसे ऊपर हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक आरटीआई आवेदन के जवाब में महिला और विकास विभाग ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 33,23,322 बच्चे कुपोषित हैं। मंत्रालय ने चिंता जताते हुए कहा है कि गरीब लोगों में कोरोना महामारी से स्वास्थ्य और पोषण संबंधी संकट और बढ़ सकती है। मंत्रालय के मुताबिक 14 अक्टूबर 2021 तक भारत में 17,76,902 बच्चे अत्यंत कुपोषित जबकि 15,46,420 बच्चे अल्प कुपोषित हैं।

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महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बताया है कि ये आंकड़े पिछले साल विकसित पोषण ऐप पर रजिस्टर किए गए ताकि पोषण के नतीजों पर निगरानी रखी जा सके। ये आंकड़े पिछले साल के मुताबिक और ज्यादा भयावह है। नवंबर 2020 से 14 अक्टूबर 2021 के बीच अत्यंत कुपोषित बच्चों की संख्या में 91 फीसदी वृद्धि हुई है। 

मंत्रालय के मुताबिक सर्वाधिक कुपोषण महाराष्ट्र के बच्चों में है। यहां 6 लाख 16 हजार बच्चे कुपोषित हैं, जिनमें 4 लाख 58 हजार 788 बच्चे अत्यंत कुपोषित हैं। इस सूची में दूसरे नंबर पर बिहार है जहां कुल 4 लख 75 हजार 824 बच्चे कुपोषित हैं। तीसरे नंबर पर गुजरात है जहां कुपोषित बच्चों की संख्या 3 लाख 20 हजार के करीब है। चौथे स्थान पर 2,67,228 कुपोषित बच्चों के साथ आंध्रप्रदेश है।

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अन्य राज्यों की बात करें तो कर्नाटक में 2,49,463 बच्चे कुपोषित हैं। उत्तर प्रदेश में 1.86 लाख, तमिलनाडु में 1.78 लाख, असम में 1.76 लाख और तेलंगाना में 1.52 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। कुपोषण को लेकर देश की राजधानी दिल्ली की भी हालत बदतर है। राष्ट्रीय राजधानी में 1 लाख 17 हजार बच्चे कुपोषित हैं। बता दें कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में बच्चों की संख्या 46 करोड़ से अधिक है। देश में कुपोषण के ये आकंड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 101वें स्थान पर पहुंच गया। वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश की है।