P Chidambaram: अर्थव्यवस्था संकट पर पीएम मोदी को याद दिलाया पुराना ट्वीट
PM Cares: जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे और मोदी गुजरात सीएम तब मोदी ने कही थी राजनीति के जगह अर्थव्यवस्था सुधारने की बात

नई दिल्ली। कोरोना संकट काल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस दौरान जीडीपी में तकरीबन 24 फीसदी की गिरावट हुई है। अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की नीतियों को गलत बताती रही है वहीं इस गिरावट के बाद कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। इसी क्रम में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी को उनका पुराना ट्वीट याद दिलाया है।
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी का एक ट्वीट साझा करते हुए कहा है कि मैं भी पीएम मोदी से यही बात कहना चाहता हूं। मोदी ने अपने इस ट्वीट में लिखा था कि 'अर्थव्यवस्था संकट में है, युवाओं को रोजगार चाहिए। ऐसे में राजनीति नहीं अर्थव्यवस्था को सुधारने पर ध्यान दें। चिदंबरम जी, आप अपने काम पर फोकस करें।' बता दें कि मोदी ने यह ट्वीट साल 2013 में किया था जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।
I have to say the same thing to the Honourable Prime Minister! pic.twitter.com/reNmp84mRu
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2020
दान-दाताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रही सरकार ?
चिदंबरम ने पीएम केयर्स फंड को लेकर भी केंद्र सरकार से कड़े सवाल किए हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'PM CARES FUND के ऑडिटर्स ने पुष्टि की है कि 26 से 31 मार्च, 2020 के बीच केवल 5 दिनों में फंड को 3076 करोड़ रुपये मिले। लेकिन इन दयालु दाताओं के नाम प्रकट नहीं किए जाएंगे। क्यों? प्रत्येक अन्य एनजीओ या ट्रस्ट एक सीमा से अधिक राशि दान करने वाले दानकर्ताओं के नाम प्रकट करने के लिए बाध्य है।'
But the names of these generous donors will not be revealed. Why?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2020
Every other NGO or Trust is obliged to reveal the names of donors contributing more than a threshold amount. Why is the PM CARES FUND exempt from this obligation?
पूर्व वित्त मंत्री ने पूछा है कि इस दायित्व से पीएम केयर्स फंड को छूट क्यों है? उन्होंने आगे कहा, 'दान पाने वाला ज्ञात है। दान पाने वाले के ट्रस्टी ज्ञात है। तो ट्रस्टी,दानदाताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रहे हैं?'