Budget Session: राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार के बीच संसद का बजट सत्र शुरू

बजट सत्र के पहले दिन आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का हुआ अभिभाषण, विपक्ष की 19 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का किया बहिष्कार

Updated: Jan 29, 2021, 06:58 AM IST

Photo Courtesy: TOI
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के विपक्ष द्वारा किए गए बहिष्कार के बीच आज संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। जब आगाज़ ही ऐसा रहा है तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आगे भी यह सत्र खासा हंगामेदार होने वाला है। सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने तीन नये कृषि कानूनों, चीन के साथ जारी सीमा विवाद, अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इनमें भी कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का मुद्दा सबसे ज्यादा जोरशोर से उठाए जाने के आसार हैं।

इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। ओम बिड़ला ने कहा है कि सत्र में तमाम मुद्दों को उठाने के लिए सांसदों को पर्याप्त मौके मिलेंगे सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल होंगे। ऐसे में बजट सत्र में रुकावट डालने का कोई फायदा नहीं है।  

इस बीच, संसद के बजट सत्र की शुरुआत देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। खास बात यह है कि विपक्ष के कुल 19 दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया था जिसके बाद साझा सत्र में इन पार्टियों के सांसद मौजूद नहीं रहे।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का एलान करने वाले दलों में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ शामिल हैं। अकाली दल, आप और बीएसपी ने विपक्ष के साझा बयान पर दस्तखत तो नहीं किए थे, लेकिन बाद में वे भी साथ आ गए।

विपक्षी दलों द्वारा संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के फैसले को केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जोशी ने कहा, 'राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं। मैं विपक्ष से आग्रह करता हूं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष मुद्दे उठा सकता है।' 

16 विपक्षी दलों ने राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की जांच कराने की भी मांग की है। इन पार्टियों ने यह कहते हुए किसानों को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है कि सरकार ने गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए विरोध के दौरान बेईमानी की है। ऐसे में पूरे बजट सत्र के दौरान हमारा प्रमुख मकसद इन कानूनों को रद्द करने का होगा। वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करके विपक्षी दलों ने सरकार को अभी अपने इरादे स्पष्ट कर दिया है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने कहा है कि सरकार संसद में एक और विधेयक लेकर आए जिसमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का प्रावधान किया जाए। बजट सत्र आज से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि, इस बीच 15 फरवरी से 7 मार्च तक अवकाश रहेगा। इस दौरान 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी। लोकसभा सचिवालय ने बताया है कि इस बार बजट की प्रति, दस्तावेज और आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखे जाने के बाद ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। उनकी कागज पर छपी हुई प्रतियां उपलब्ध नहीं होंगी।