मॉनसून सत्र का हंगामेदार आगाज, लोकसभा 2 बजे और राज्यसभा 1 घंटे के लिए स्थगित

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार की विफलता, लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, किसान आंदोलन और पेगासस जासूसी के मुद्दे को लेकर केंद्र को घेरने की तैयारी

Updated: Jul 19, 2021, 07:07 AM IST

Photo Courtesy: The Economic times
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नई दिल्ली। भारतीय संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है, जो 13 अगस्त तक चलेगा। हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर से उबरे देश के लिए इस बार का मॉनसून सत्र कई मायनों में बेहद अहम है। माना जा रहा है कि यह पूरा सत्र हंगामेदार होने वाला है। विपक्ष के आक्रामक तेवर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोडक्टिव बातचीत की उम्मीद जताई है। उधर सदन का आगाज आज बेहद हंगामेदार हुआ है। विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोकसभा को 2 बजे तक और राज्यसभा को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

संसद सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले आई पेगासस जासूसी मामले से संबंधित रिपोर्ट ने तूल पकड़ लिया है। सरकार इस इजरायली स्पाईवेयर के माध्यम से फोन हैकिंग मामले में चौतरफा घिरती नजर आ रही है। पेगासस स्पाईवेयर को लेकर हो रहे एक क बाद एक नए खुलासों ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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चूंकि लंबे समय बाद सदन का सत्र आयोजित किया गया है ऐसे में अन्य लंबित मुद्दों को लेकर भी सरकार को घेरने की तैयारी है। माना जा रहा है कि विपक्ष देशभर में बढ़ती महंगाई, लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतें, कोरोना काल मे केंद्र सरकार की विफलता और किसान आंदोलन को लेकर जमकर हंगामा करने की तैयारी में है।

केंद्र की योजना इस संसद सत्र के दौरान करीब 30 से ज्यादा विधेयकों को पारित कराने की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सत्र में 31 बिजनेस, 6 ऑर्डिनेंस और 23 बिल महत्वपूर्ण हैं। इनमें इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी हैं। संसद सत्र के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर सार्थक और स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार है।

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उधर सत्र शुरू होने से पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की वर्किंग प्रेसिडेंट सोनिया गांधी ने पार्टी की रणनीति में बड़ा फेरबदल किया है। सोनिया गांधी ने दोनों सदनों में बेहतर तरीके से कामकाज के लिए दो ग्रुप बनाए हैं। बताया जा रहा है कि ये ग्रुप प्रतिदिन शाम को बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे। सत्र से पहले कांग्रेस के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है।