सुप्रीम कोर्ट पहुंचा CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षा की मार्किंग स्कीम का मामला, छात्रों की ओर से कोर्ट में याचिका दायर

देशभर के 11 सौ से ज्यादा छात्रों ने मार्किंग स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, नियमित छात्रों के अलावा, पत्राचार, कम्पार्टमेंट, ड्रॉप आउट के लिए भी नीति की मांग, वकील मनु जेटली ने लगाई याचिका, मार्किंग स्कीम के लिए कुछ सुझाव भी दिए

Updated: Jun 19, 2021, 08:21 AM IST

Photo Courtesy: live law
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दिल्ली। CBSE  बोर्ड की मार्किंग स्कीम से छात्र संतुष्ट नहीं है, देशभर के हजारों छात्रों ने इस मार्किंग स्कीम के खिलाफ   सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका लगा दी है। विभिन्न राज्यों के करीब साढ़े ग्यारह सौ से ज्यादा छात्रों ने याचिका लगाई है। यह याचिका वकील मनु जेटली के माध्यम से दायर की गई है। इस याचिका में कंपार्टमेंट, पत्राचार के माध्यम से 12वीं करने वाले, ड्रॉप आउट, प्राइवेट स्टूडेंटेस और कई बरसों से 12वीं पास होने करने की इच्छा से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी नीति बनाने की मांग की है। 12वीं के नियमित छात्रों के अलावा इन कैटेगरी के तहत परीक्षा देने वाले स्टूडेट्स, पेरेट्स, टीचर्स आदि की स्वास्थ्य सुरक्षा के भी जरूरी इंतजाम करने का मुद्दा भी याचिका में उठाया गया है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने CBSE के 30-30-40 के 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए फार्मूले को हरी झंडी प्रदान कर दी थी। यह मार्किंग  स्कीम कुछ छात्रों को रास नहीं आ रही है। छात्रों में 11वीं के नंबरों का वेटेज शामिल करने को लेकर नाराजगी है, सुप्रीम कोर्ट में 1152 छात्रों ने याचिका दायर की है। वहीं मार्किंग स्कीम के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।

CBSE ने परीक्षाएं रद्द करने के बाद 17 जून को अपना फार्मूला कोर्ट के समक्ष पेश किया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर भी कर लिया था। अब छात्रों ने इस स्कीम पर सवाल उठाते हुए याचिका लगा दी है। नियमित छात्रों के अलावा अन्य वर्गों के छात्रों और परीक्षार्थियों को लेकर नई स्कीम उदासीन है। इस स्कीम को संविधान से मिले बुनियादी अधिकारों में समानता के अधिकार के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन कहा गया हैय़

दरअसल CBSE बोर्ड ने फरवरी में जो सर्कुलर जारी किया था उसके हिसाब से कंपार्टमेंट, रिपिटिव, प्राइवेट, पत्राचार कोर्स के माध्यम से 12वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, इंटरनल असेसमेंट वगैरा अलग से आयोजित करने की जगह नियमित छात्रों के साथ ही कराए जाएंगे। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इन वर्गों के स्टूडेट्स की आपत्तियां भी कोर्ट मंगाए और उनको भी व्यवहारिक राहत दे।

हाल ही में CBSE  की 13 सदस्यीय कमेटी ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट को लेकर इवैल्यूएशन क्राइटेरिया सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि रिजल्ट 10वीं और 11वीं की परीक्षा के वेटेज के आधार पर तैयार किया जाएगा। वहीं 12 के प्री बोर्ड्स में छात्रों के प्रदर्शन का 40 प्रतिशत जोड़ा जाएगा।