गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान PM ने खड़े होने तक की जहमत नहीं उठाई, मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं से कांग्रेस नाराज
इस महान राजनेता के साथ किए गए इस अपमानजनक व्यवहार से सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता उजागर होती है: कांग्रेस
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का दिल्ली के निगमबोध घाट पर शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में सियासी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस ने निगमबोध घाट पर अंत्येष्टि और स्मारक के लिए जगह ढूंढने में देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं पर भी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई। खेड़ा ने नौ पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के परिवार के लिए 3 ही कुर्सियां रखी गईं। परिवार के बाकी लोगों को कुर्सियां मांगनी पड़ीं।
इन बिंदुओं पर कांग्रेस नाराज
* डीडी (दूरदर्शन) को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई; डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया, डॉ. सिंह के परिवार को बमुश्किल ही कवर किया।
* डॉ. सिंह के परिवार के लिए केवल तीन कुर्सियां सामने की पंक्ति में रखी गईं। कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और अन्य परिवार के सदस्यों के लिए सीटों की व्यवस्था के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।
* राष्ट्रीय ध्वज को उनकी विधवा को सौंपे जाने या गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने खड़े होने की ज़हमत नहीं उठाई।
* अंतिम संस्कार की चिता के आसपास परिवार को पर्याप्त स्थान नहीं दिया गया क्योंकि एक ओर सैनिकों ने जगह घेर रखी थी।
* जनता को अंदर आने से रोका गया और वह बाहर से ही कार्यक्रम को देखने पर मजबूर रही।
* अमित शाह के काफिले ने शव यात्रा को बाधित कर दिया, जिससे परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं। गेट बंद कर दिया गया और परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाना पड़ा।
* अंतिम संस्कार की रस्में निभाने वाले पोतों को चिता तक पहुंचने के लिए जगह के लिए संघर्ष करना पड़ा।
* विदेशी राजनयिकों को कहीं और बैठाया गया और वे नज़र नहीं आए। हैरानी की बात यह रही कि जब भूटान के राजा खड़े हुए, तो प्रधानमंत्री खड़े नहीं हुए।
* पूरे अंतिम संस्कार स्थल को इतनी खराब तरीके से व्यवस्थित किया गया था कि शव यात्रा में भाग लेने वाले कई लोगों के लिए कोई जगह नहीं बची।
यह भी पढ़ें: पूर्व PM के प्रति सरकार को आदर दिखाना चाहिए था, निगमबोध घाट पर अंत्येष्टि को लेकर राहुल गांधी ने जताई नाराजगी
पवन खेड़ा ने कहा कि इस महान राजनेता के साथ किए गए इस अपमानजनक व्यवहार से सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता उजागर होती है। डॉ. सिंह गरिमा के पात्र थे, न कि इस शर्मनाक दृश्य के।