महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर गरमाई सियासत, पिछले साल ही PM मोदी ने किया था उद्घाटन
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की की प्रतिमा गिरने के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने शिंदे सरकार की आलोचना की है।
मुंबई। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित राजकोट किले में सोमवार को मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा ढह गई। इसे लेकर राज्य की सियासत गरमाई हुई है। दरअसल, इस प्रतिमा का अनावरण पिछले वर्ष चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। मूर्ति निर्माण मानकों के हिसाब से नहीं बनाई गई और इसमें घटिया सामान लगाया गया था, नतीजतन ये गिर गई। जिसकी वजह से महाराष्ट्र सरकार की भी काफी आलोचना हो रही है।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि इस घटना के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखरेख नहीं की। इसकी क्वालिटी पर भी ध्यान नहीं दिया गया। सरकार का फोकस तो सिर्फ इस बात पर था कि किसी तरह इसका अनावरण करा दिया जाए।
वहीं, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि राज्य सरकार इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। जिन लोगों ने ये गलती की है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए। हमारे पूज्य देवता का यह अपमान नहीं सहेंगे। वहीं आरजेडी ने निशाना साधते हुए कहा कि महापुरुषों के मान सम्मान से जुड़े प्रतीकों में भी घोटाला करने से बाज़ नहीं आते हैं! भ्रष्टाचार, धोखा और दुष्प्रचार इनके DNA में है।
बता दें कि इस मामले में एक पत्र सामने आया है जो कि 20 अगस्त को लिखा गया था। स्थानीय पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से एरिया सिक्योरिटी कोस्टल ऑफिसर को मूर्ति से संबंधित पत्र लिखा गया था और 26 अगस्त को ही मूर्ति गिर गई। 20 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी गई थी कि मूर्ति में लगाए गए नट बोल्ट पूरी तरह से खराब हो गए हैं।