AG ने की माफी की अपील, कोर्ट ने कहा हलफनामा और भी अपमानजनक

Prashant Bhushan Contempt Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम प्रशांत भूषण को सजा देना चाहते हैं, वकील राजीव धवन बोले सजा देकर भूषण को शहीद न बनाएं

Updated: Aug 26, 2020, 04:14 AM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से उनके द्वारा न्यायपालिका पर लगाए गए आरोपों पर फिर से विचार करने को कहा है। वहीं केंद्र सरकार की पैरवी करने वाले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से प्रशांत भूषण को माफ करने की अपील की है। हालांकि, कोर्ट ने प्रशांत भूषण से यह भी कहा कि वे विचार करें क्या वे न्यायपालिका पर लगाए गए आरोपों को वापस लेंगे। अटॉर्नी जनरल का भी मानना है कि भूषण को अपने आरोप वापस लेने चाहिए।

दूसरी तरफ प्रशांत भूषण एक नहीं दो बार यह कह चुके हैं कि अपने ट्वीट में उन्होंने जो कुछ भी कहा है वो उनका विश्वास है और ना तो वे इसके लिए माफी मांगेंगे और ना ही कोर्ट से किसी दया की उम्मीद रखते हैं। प्रशांत भूषण ने लगातार कहा है कि वे पिछले 30 साल से सुप्रीम कोर्ट के एक सिपाही की तरह सेवा कर रहे हैं और उनके द्वारा कही गई बातों का उद्देश्य कोर्ट या जजों की अवमानना ना होकर, न्यायपालिका की बेहतरी से जुड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई जारी है। कोर्ट प्रशांत भूषण को पहले ही अवमानना का दोषी ठहरा चुका है और उनको दी जाने वाली सजा को लेकर विचार कर रहा है। कोर्ट ने यह बात नोट की है कि भूषण ने अपने ट्वीट के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

सुनवाई के दौरा अटॉर्नी जनरल ने कहा, “अगर प्रशांत भूषण को यह लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और कोर्ट को लगता है कि वे गलत हैं तो भी कोर्ट द्वारा उनको माफ किए जाने के फैसले की बार में प्रशंसा होगी।”

अटॉर्नी जनरल के इस दलील के बाद बेंच ने उनसे पूछा, “इस सलाह का मतलब क्या है जब भूषण अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जब वह मान ही नहीं रहे हैं कि उन्होंने कोई गलती की तो फिर माफी का क्या मतलब है।”

बेंच ने टिप्पणी की, “प्रशांत भूषण ने लगभग सभी न्यायाधीशों पर उंगली उठाई है। यह काफी निराशाजनक है। भूषण ने कहा कि न्यायापालिका का पतन हो गया है। क्या यह आपत्तिजनक नहीं है?”

इसके बाद अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट को उन्हें चेतावनी देकर माफी दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण को अपने बयान वापस लेकर खेद जताना चाहिए।

Click: Prashant Bhushan: माफी मांगने से दूसरी बार किया इनकार

वहीं बेंच ने भूषण के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से पूछा कि अगर हम भूषण को सजा देना चाहें तो आपके विचार में यह क्या होनी चाहिए।

इसके जवाब में धवन ने कहा कि आप भूषण को कुछ महीनों के लिए कोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोक सकते हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि उन्हें सजा देकर शहीद मत बनाइए। कल्याण सिंह को भी जेल भेजा गया था। यह मामला खत्म होना चाहिए, कोर्ट परिपक्वता दिखाए।