राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, BJP सांसद ने लगाया सदन की अवमानना का आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 7 फरवरी को संसद में बगैर किसी प्रमाण के प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए। उनके आरोप गलत और भटकाने वाले थे।

नई दिल्ली। अडानी गेट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। इसे लकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में गंभीर सवाल खड़े किए। राहुल ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी और अडानी में क्या संबंध हैं? हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? राहुल गांधी का संसद में दिया ये भाषण सुर्खियों में है। इधर सत्ताधारी दल कि ओर से राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ यह नोटिस दिया है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 7 फरवरी को संसद में बगैर किसी प्रमाण के प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए। उनके आरोप गलत, भटकाने वाले थे। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
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निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल गांधी पर दस्तावेजी साक्ष्य के बिना पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी व सदन को गुमराह करके नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। भाजपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा, "लोकसभा में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के मोशन ऑफ थैंक्स पर बहस में भाग लेते हुए, सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ असत्यापित, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान दिए।"
18 कट!
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) February 8, 2023
जी हाँ! कल @RahulGandhi ने लोकसभा में जो भाषण दिया था, उसके 18 हिस्से हटा दिये गये हैं?
क्योंकि उनमें अड़ानी और मोदी सरकार के रिश्तों की बात की गई थी!
क्या आपको भी भाषण में इतना कुछ ग़लत लगा?
क्या ये वही संसद है, जहाँ विपक्ष हमेशा खुल कर बोलता आया है?#संसद_में_सेंसर
इतना ही नहीं राहुल गांधी के भाषण का एक बड़ा हिस्सा रिकॉर्ड से बाहर किया गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय के समन्वयक गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा, "कल राहुल गांधी ने लोकसभा में जो भाषण दिया था, उसके 18 हिस्से हटा दिये गये हैं? क्योंकि उनमें अड़ानी और मोदी सरकार के रिश्तों की बात की गई थी। क्या आपको भी भाषण में इतना कुछ ग़लत लगा? क्या ये वही संसद है, जहाँ विपक्ष हमेशा खुल कर बोलता आया है?"