PM मोदी में हिम्मत है तो JPC गठित करें, किस बात का डर है, राज्यसभा में बोले दिग्विजय सिंह

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो विषय आया है, पूरे विश्व में उसकी चर्चा है। लेकिन हमारे रेगुलेटरी अथॉरिटी कहां हैं? 7 दिनों में निवेशकों को 2 लाख 60 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है: दिग्विजय सिंह

Updated: Feb 08, 2023, 06:04 AM IST

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदन में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर सवाल दागे। सिंह ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि पीएम मोदी में हिम्मत है तो जेपीसी गठित करें, डर किस बात की है।

दिग्विजय सिंह ने कहा, "महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण की शुरुआत भारत में अमृत काल से हुई। ये अमृत काल किसके लिए है? उनके लिए है जो पहले से अमृत पी रहे हैं। इस देश में केवल 21 लोगों के पास 70 करोड़ लोगों के बराबर संपत्ति है। कोविड काल में उनकी संपत्ति में 121 प्रतिशत ग्रोथ हुई जो अमृत काल का फायदा उठा रहे हैं। 50 प्रतिशत व्यवसायिक लोग 64 फीसदी जीएसटी भरते हैं। लेकिन 10 फीसदी अमृत काल के लोग जो अमृत पी रहे हैं वे केवल 3 प्रतिशत जीएसटी दे रहे हैं।"

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, "ये अमृत काल सूट-बूट के लिए है। गरीबों के लिए नहीं है। 2014 में मोदी जी से देश को काफी अपेक्षाएं थी। 40 वादे किए गए... किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे, सभी को पक्का मकान देंगे लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। सूट बूट वाले जो अमृत पी रहे हैं उनका 66.50 लाख करोड़ का कर्ज माफ हुआ है। 84 हजार करोड़ का कर्जा अडानी का माफ हुआ। लेकिन देश के किसानों का गरीबों का कर्जा माफ नहीं हुआ। मुद्रा योजना के हितग्राहियों तक का कर्जा माफ नहीं हुआ। पीएम फसल योजना में प्रीमियम 1 लाख 26 हजार करोड़ कलेक्ट हुआ और सिर्फ 87 हजार करोड़ रुपए रिलीज हुए। यानी 40 हजार करोड़ रुपए विष पीने वालों की जेब से अमृत पीने वालों की जेब में चला गया।"

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राज्यसभा सांसद ने कहा कि मोदी जी की नीति है असत्य बोलो, जोर से बोलो, बार बार बोलो। आडवाणी जी ने कहा था कि मोदी अच्छे इवेंट मैनेजर हैं। मोदी जीएसटी का विरोध करते रहे लेकिन जब एनडीए सरकार में जीएसटी लागू हुआ तो आधी रात को इवेंट किया। स्वांग रचने वाले कई हुए, मैंने अपने जीवन में कई बहुरूपिए देखे लेकिन मोदी जी जैसा कोई स्वांग रचने वाला नहीं देखा। स्वांग वही रचता है जिसके मन में चोर हो।" इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ सिंह रोकते हुए खड़े हो गए। इसपर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सिंह को आप बोलने नहीं दे रहे। इसपर सभापति ने कहा कि आपलोग चुप हो जाइए। दिग्विजय सिंह सदन के और देश के बड़े नेता हैं, उन्हें किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है।

सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर विश्व में चर्चा हो रही है।लेकिन हम उस मुद्दे को नहीं उठा सकते। सदन में नहीं उठा सकते तो कहां उठाएंगे? देश में 7 बार जेपीसी गठित हुई है। हर्षद मेहता से लेकर केतन पारेख मामले में जेपीसी गठन हुई। हमारी मांग में क्या खराबी है। नरेंद्र मोदी में साहस है तो जेपीसी गठित करेंगे। इनकी कुछ नस ऐसी दबी है कि वो इसका साहस नहीं दिखाएंगे। आप नेता और नियत की बात करते हैं... मोदी दिखते बहुत शक्तिशाली हैं लेकिन अंदर से क्या हैं वो हम जानते हैं। हिम्मत है तो जेपीसी जांच कीजिए और दूध का दूध पानी का पानी होने दीजिए।" 

इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ एक बार फिर सिंह टोकते हुए खड़े हो गए। इसपर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सिंह को बोलने दीजिए। आप बीच में क्यों बार बार व्यवधान डाल रहे हैं। इस दौरान भाजपा सांसदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, सभापति ने बीजेपी सदस्यों को तत्काल शांत कराते हुए कहा कि शांति से सिंह को सुना जाए। सिंह ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं बोला। मैं तथ्यों के साथ बोलता हूं और मैने अपने राजनीतिक जीवन में कभी अपने बयान वापस नहीं लिए। 

सिंह ने कहा, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो विषय आया है उसे लेकर विश्वभर में चर्चा है। हमारे रेगुलेटरी अथॉरिटी कहां हैं? यहां कोई चर्चा नहीं है। सीबीआई, आईटी, ED... सभापति महोदय आप जानते हैं कि हथियार की तरह इनका उपयोग हो रहा है। 7 दिनों में निवेशकों को 2 लाख 60 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। देश में जो हालत हैं मार्केट मैनिपुलेशन हो रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ने मार्केट  मैनिपुलेशन किया, फ्रॉड किया, अपने पॉलिटिकल संबंधों का गलत इस्तेमाल किया। सरकार को क्लियर स्टेटमेंट के साथ सामने आना चाहिए। सेबी का बयान क्यों नहीं आ रहा? इतनी चुप्पी क्यों है?"

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सिंह ने आगे कहा, "जो 130 रुपए का शेयर कोविड़ के समय था वह 4 हजार रुपए का हो गया। शेयर बाजार में 900 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ये किसका पैसा था? जब सबकी संपत्ति घट रही थी इनका शेयर चार हजार पे कैसे पहुंच गया? इसकी जांच होनी चाहिए। सभापति महोदय आप अच्छे वकील हैं। आपको तो हमारी पैरवी करना चाहिए। आपकी पहुंच पीएम तक है आप उन्हें समझाइश दीजिए। नड्डा जी आप बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं... आप क्यों नहीं बात करते? आखिर क्या बिगड़ जाएगी? तथ्यों को क्यों छुपा रहे हैं? 7 दिन में अडानी समूह का 120 बिलियन डॉलर घटा है। विदेशी बैंक ने क्रेडिट देने से मना कर दिया की हम अडानी समूह के बॉन्ड को मान्यता नहीं देते। मोदी जी अंतर्राष्ट्रीय छवि को लेकर बेहद सेंसिटिव हैं, हमें चिंता है कि उनकी छवि पर इसका असर न पड़े। ये रिपोर्ट जो उनकी बदनामी करा रही है इसकी जांच में क्या दिक्कत है?"

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि, "अमेरिकी शेयर डाउ जॉन्स ने इंडेक्स से अडानी इंटरप्राइज को हटा दिया। मोदी जब विदेश जाएंगे उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे तो ये बात सामने नहीं आएगी की आपके देश में क्या हो रहा हैं? जर्मन अखबार में छपा कि मोदी-अडानी पार्टनरशिप की अभूतपूर्व प्रगति हुई है। फोर्ब्स ने रिपोर्ट में बताया कि किस प्रकार से खुद के शेयर खुद ही खरीदे गए। बोरिस जॉनसन के सगे भाई ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद इस्तीफा क्यों दिया? इस विषय पर विदेशों में जांच हो रही है, चर्चा हो रही है। लेकिन जहां घोटाला हुआ वहां नहीं हो रही। "Nation wants to know" चैन चिन लिंग कौन है? वो चीन का है कि ताइवान का है। राष्ट्र जानना चाहता है। क्या आप जेपीसी गठित करेंगे। राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा कि भारत में ईमानदार को सम्मान करने वाली सरकार है। कहना कुछ और करना कुछ और है। आप ईमानदार हैं तो कालधान लाने की जो घोषणा हुई अभी तक आई क्यों नहीं?"

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सिंह ने राफेल मामले पर पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि UPA सरकार के दौरान राफेल खरीद में समझौता हुआ कि 108 विमान खरीदे जाएंगे और निर्माण HAL में होगा। मेरा आरोप है कि बिना रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री के सलाह के, बिना रूल्स को मानते हुए मोदी जी ने 36 जहाज डायरेक्टली खरीद लिया। ये राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है। इसमें भ्रष्टाचार का आरोप है। आपके पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था।" उन्होंने कश्मीर मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि, "कश्मीर में हम गए। बर्फबारी के बीच झंडा फहराया। अनंतनाग में पुलिसवालों ने कहा कि उम्मीद नहीं थी इतने लोग आएंगे। वहां 25 हजार लोग यात्रा के स्वागत में खड़े हुए थे। आपने कहा कि हमारा शासन है इसलिए पैदल चल पाए। पीएम मोदी और अमित शाह पदयात्रा कर के दिखा दें। घाटी में सब अच्छा था तो वहां चुनाव क्यों नहीं कराते? सिर्फ भाषणबाजी करते हैं। जम्मू के लोगों से पूछिए 370 हटाने से क्या हुआ। आप बीजेपी के लोगों से पूछिए कि वहां क्या हालात हैं।"

सिंह ने अंत में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उल्लेख करते हुए कहा, "पैरा 81 में कहा गया कि आइए अपने लोकतंत्र को समृद्ध करते हुए हम सब एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। हमारे संकल्प स्वरों में एकता का प्रभाव हो। अंतःकरण एक दूसरे से जुड़े हो। सभापति महोदय यही भारत का संस्कार है। यही भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म है। जिसे पीएम मोदी ने समाप्त कर दिया। इसीलिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई थी कि भारत सबका है। देश हम सबका है। हम सब मिलकर रहना चाहते हैं।"