आखिरी ख़त में भारतीय राजनीति को दिशा दिखा गए रघुवंश प्रसाद सिंह

Raghuvansh Prasad Singh: रानी के पेट से नहीं बैलेट के बक्से से पैदा होता है राजा, जयकारा लगवाने और रोज के बयान से अपने प्रतिद्वंदियों से कैसे निपटेगी पार्टी

Updated: Sep 14, 2020, 03:38 AM IST

Photo Courtsey : Twitter
Photo Courtsey : Twitter

पटना। समाजवादी राजनीति के पुरोधा पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने 13 सितंबर को दिल्ली एम्स में आखिरी सांसे ली। है। 'मनरेगा मैन' के नाम से मशहूर रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीमार हालत में ही एक पत्र लिखा है, उनकी मृत्यु के कुछ समय पहले वायरल हुई इस चिट्ठी में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को लेकर तो उनका ग़ुस्सा फूटा ही, इस ख़त में भारत में विपक्ष की राजनीति को दिशा दिखा कर गए है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रघुवंश की तबीयत ज्यादा नहीं बिगड़ी थी तब उन्होंने 6-7 पेज का एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने आरजेडी के काम करने के तौर तरीकों पर हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी में सामंती माहौल है और अब विचारधारा के स्तर पर बहस की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने लिखा, 'जिस समाजवादी मंच से हम कहते रहे हैं कि रानी के पेट से नहीं बैलेट के बक्से से राजा पैदा होता है। मगर वहां क्या हो रहा है, लोग सब देख रहे हैं।'

Click: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का निधन, लालू यादव के करीबी थे रघुवंश प्रसाद

सीने पर गोली खाकर निकले मुख से आह नहीं

रविवार को वायरल हुए पत्र में उन्होंने पार्टी का नाम लिए बगैर लिखा है कि संगठन में सचिव से ज्यादा महासचिव होना हास्यास्पद नहीं तो क्या है? उन्होंने लिखा, 'जयकारा लगवाने और रोज के बयान से राजद अपने प्रतिद्वंदियों से कैसे निबटेगी। इतना बड़ा जनाधार और कार्यकर्ताओं को बिना काम के बैठाकर रखने का उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। इस नारे की गूंज भी अब गायब हो गई है- ‘सावधान पद और पैसे से होना है गुमराह नहीं, सीने पर गोली खाकर निकले मुख से आह नहीं।’

लालू यादव हुए दुःखी 

रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। उनके सबसे करीबी मित्र रहे लालू प्रसाद यादव उनकी मौत की खबर सुनकर बेहद दुखी हैं। उन्होंने रघुवंश प्रसाद के लिए भावुक मैसेज लिखा है। लालू ने लिखा, 'प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए। नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।'

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन को दुखद बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा  है कि जमीन‌ से जुड़े व ग्रामीण भारत की असाधारण समझ रखने वाले रघुवंश बाबू का कद बहुत ऊंचा था। अपने संतों जैसे सादा जीवन से उन्होंने सार्वजनिक जीवन को विशेष गरिमा प्रदान की। उनके परिवार, समर्थकों व प्रशंसकों को मेरी शोक-संवेदनाएं!

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी उनकी मौत पर दु:ख जताया है। उन्होंने कहा, 'ग्रामीण इलाकों, खेत-खलिहानों और सामाजिक न्याय की मजबूत आवाज श्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। रघुंवश जी को उनके योगदान के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। भावपूर्ण श्रद्धांजलि।'

उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सादगी की अप्रतिम मिसाल बताया है। योगी ने ट्वीट कर लिखा, 'सादगी की अप्रतिम मिसाल, ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले वरिष्ठ राजनेता श्री रघुवंश प्रसाद सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद है। ग्राम्य विकास मंत्रालय में उन्होंने सराहनीय कार्य किया। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।'

बता दें कि 74 वर्षीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजधानी दिल्ली स्थित एम्स में रविवार (14 सितंबर) को अंतिम सांस ली। यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद को मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी योजना का श्रेय दिया जाता है। मनरेगा के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों के कारण लोग उन्हें मनरेगा मैन कहकर भी बुलाते हैं।