लक्षद्वीप मामले में राहुल ने पीएम से की दखल देने की अपील, प्रशासक की नीतियों से खतरे में लोगों का भविष्य

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने नए नियम लागू किए हैं, जिसमें शराब की बिक्री पर से रोक हटाई गई है, साथ ही पशुओं के संरक्षण के नाम पर बीफ उत्पादों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसके साथ ही प्रशासक ने तटवर्ती इलाकों में रहने वाले मछुआरों के झोपड़ी तोड़ने के भी आदेश दिए हैं

Updated: May 27, 2021, 10:52 AM IST

Photo Courtesy: New Indian Express
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लक्षद्वीप मामले में दखल देने की अपील की है। राहुल ने प्रधानमंत्री से कहा है कि वे लक्षद्वीप के प्रशासक द्वारा लागू किए गए जनविरोधी नीतियों को वापस लेने के लिए कहें। ताकि लक्षद्वीप के लोगों के अधिकारियों के हो रहे हनन को रोका जा सके। राहुल ने लक्षद्वीप के प्रशासक के निर्णय को लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य के लिए खतरा बताया है। 

राहुल ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने जनविरोधी नीतियों को लागू कर लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि प्रफुल्ल पटेल ने बिना जन प्रतिनिधियों और जनता की राय के ही जन विरोधी नीतियों को लागू कर दिया है। जिस वजह से लक्षद्वीप के लोग प्रशासक के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। 

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राहुल ने कहा है कि प्रशासक ने अपने फैसले से लक्षद्वीप की पारिस्थितिक पवित्रता (ecological sancity) को नष्ट करने का प्रयास किया है। जिसकी गवाही लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया मसौदा दे रहा है। राहुल ने कहा है कि प्रशासक द्वारा लागू किए गए नियम भूमि स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा को नष्ट करने के साथ साथ पर्यावरण नियमों को कमज़ोर करने का काम कर रहे हैं। 

राहुल ने प्रशासक द्वारा लागू किए गए नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि शराब की बिक्री पर लगी रोक को हटा कर द्वीप के सांस्कृतिक और धार्मिक ताने बाने को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। राहुल ने कहा है कि सिर्फ कुछ समय के कामर्शियल फायदे के लिए लोगों के जीवन यापन की सुरक्षा और उनके सतत विकास को ताक पर रखा जा रहा है। राहुल ने पीएम का ध्यान मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़े जाने और संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के बारे में भी बताया है। राहुल ने जल्द से जल्द पीएम को इस मसले पर दखल देकर लक्षद्वीप के लोगों की समस्याओं का निवारण करने की अपील की है। 

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दरअसल हाल ही में लक्षद्वीप में शराब की बिक्री पर लगी रोक हटा दी गई है। इसके साथ ही पशु संरक्षण के नाम पर लक्षद्वीप में बीफ के उत्पादों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। और तट रक्षक अधिनियम का हवाला देकर कई मछुआरों की झोपड़ियां भी तोड़े जाने के आदेश दिए गए हैं। लक्षद्वीप के प्रशासक के इस निर्णय से खुद बीजेपी के कई नेता खफा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी के कुल 8 नेता इन फैसलों के खिलाफ पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।