Rajasthan: अब विधानसभा में शक्ति परीक्षण, सभी की निगाहें

Ashok Gehlot: बसपा ने कांग्रेस में शामिल 6 विधायकों के लिए फिर जारी किया व्हिप, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा हम लाएंगे विश्वास प्रस्ताव

Updated: Aug 14, 2020, 10:22 PM IST

photo courtesy : aaj tak
photo courtesy : aaj tak

जयपुर। राजस्थान विधानसभा का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू होने जा रही है। कांग्रेस के नाराज़ नेता सचिन पायलट की वापसी हो चुकी है। क़रीब एक माह तक सदन के बाहर हुई राजनीति के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। अब सदन में शक्ति परीक्षण की बारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार इस सत्र के दौरान विश्वास मत भी लेकर आएगी और बहुमत साबित करेगी। 

विधानसभा सत्र शुरू होने के एक दिन पहले गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास में हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हम खुद विश्वास प्रस्ताव लाएँगे और अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे। उन्होंने विधायकों से कहा है कि हमें एकजुटता के साथ रहना है और विधानसभा सत्र में एकता दिखानी है।गहलोत ने कहा था कि हम इन 19 विधायकों के बिना बहुमत साबित कर देते, लेकिन वो खुशी नहीं होती जो सभी के साथ होने पर है। यह कहते हुए उन्होंने जोड़ा कि अपने तो अपने होते हैं। 

बीजेपी ने कहा लाएँगे अविश्वास प्रस्ताव

इससे पहले जयपुर में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में तय किया गया है कि बीजेपी 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पिछले एक महीने से बाड़े में बंद अशोक गहलोत सरकार जनता की अनदेखी कर रही है और यह सरकार विरोधाभास की सरकार है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर विधायकों के हस्ताक्षर कराए।

बसपा ने फिर जारी किया व्हिप 

सत्र से पहले बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों के लिए एक बार फिर से व्हिप जारी किया है। विधायकों को हिदायत दी गई है कि वे सदन में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपना वोट दें। विधायकों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया तो कार्रवाई होगी। पार्टी पहले भी इसी तरह का व्हिप जारी कर चुकी है। 

क्या कहता है राजस्थान का गणित
200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 सीट हैं जबकि 13 सीटें निर्दलीय विधायकों के पास हैं। बीजेपी के 72 विधायक हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2-2, राष्ट्रीय लोक दल के 1 तथा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक हैं। बहुमत के लिए 100 विधायकों का समर्थन चाहिए। गहलोत को विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिराने के लिए 101 वोटों की जरूरत है। विश्लेषकों के अनुसार ताज़ा स्थिति में कांग्रेस सरकार को 124 विधायकों का समर्थन है।