Rajasthan: सचिन पायलट गुट का आरोप MLA के फोन हो रहे टेप
Rajasthan Political Crisis: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी लगाया आरोप, सोशल मीडिया में लिस्ट वायरल, राजस्थान पुलिस का इनकार

जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि जैसलमेर के होटल में बंद विधायकों के फोन टैपिंग, इंटरकॉम टैपिंग हो रही है। जैसलमेर की होटल में ठहरे कुछ विधायकों की फोन टेपिंग की लिस्ट भी सोशल मीडिया में वायरल हुई। बताया जाता है कि सचिन पायलट गुट की ओर से यह लिस्ट वायरल की गई। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार दोपहर सफाई दी है कि किसी भी जनप्रतिनिधि का फोन टेप नहीं किया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजस्थान पुलिस की किसी भी यूनिट द्वारा किसी भी विधायक या सांसद की टेपिंग न तो पहले की गई है और न ही वर्तमान में की जा रही है। पुलिस ने इन्टरकॉम से हुई बातचीत को रिकॉर्ड करने का आरोप भी गलत और काल्पनिक बताया है। बयान में कहा गया है कि राजस्थान पुलिस हमेशा आपराधिक कृत्य को रोकने का कार्य करती है और अवैधानिक टैपिंग एक आपराधिक कृत्य है। सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट को भ्रामक बताया गया है।
वायरल लिस्ट के अनुसार जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस में ठहरे आधा दर्जन विधायकों के फोन अवैध तरीके से टेप करने की बात कही जा रही थी। इस मिथ्या सूचना को बल देने और भ्रम फैलाने के लिये एक टाइप की गई लिस्ट भी प्रसारित की जा रही है। राजस्थान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो किसी भी ऐसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें।शरारती तत्व अपने फायदे के लिए सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे हैं।
जैसलमेर के होटल में बंद विधायकों के फ़ोन टैपिंग, इंटरकॉम टैपिंग, होटल में मोबाईल जैमर लगाना...
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 7, 2020
गहलोत जी, इतना भय?!! इतना अविश्वास?!!#RajasthanPoliticalCrisis
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि चुने हुए विधायकों को भेड़ बकरियों की तरह हांक कर, डरा-धमका कर, निगरानी में रख कर, उनकी जासूसी कर कौन से लोकतंत्र को बचाने की नौटंकी कर रहे हैं गहलोत? शेखावत ने कहा कि अगर आपस में इतना अविश्वास है तो यह बात स्पष्ट है कि राजस्थान में सरकार का कोई अस्तित्व नहीं है। यहां सिर्फ एक व्यक्ति के सत्ता लालच में तानाशाही चल रही है। आपको बता दें कि इससे पहले भी फोन टेपिंग करने का मामला उछला था। तब केंद्र सरकार गंभीर हो गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग मामले पर रिपोर्ट की मांग की थी।
जिसे मुख्य सचिव ने सिरे से खारिज कर दिया था। राजस्थान में सरकार को गिराने और पार्टी तोड़ने की कोशिश कहा गया था।