DRDO की एंटी कोरोना मेडिसिन 2 DG जारी, रक्षा मंत्री ने बताया उम्मीद की किरण
आज एक कार्यक्रम के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना रोधी दवा 2 DG स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को सौंपा, इसके बाद हर्षवर्धन ने एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया को सौंपा

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी जंग को जीतने के लिए भारत को 2 DG के रूप में नया हथियार मिल गया है। DRDO द्वारा विकसित इस कोरोनारोधी दवा के पहले बैच का आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया। सिंह ने इस दवा को देश के लिए उम्मीद की नई किरण बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की रिसर्च और कड़ी मेहनत के बाद भारत ने इस दवा को तैयार किया है।
दिल्ली के डीआरडीओ भवन में आज हुए एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दवा का पहला बैच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को सुपुर्द किया। इसके बाद हर्षवर्धन ने इस दवा को एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया को सौंपा। राजनाथ सिंह ने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लिए यह दवा उम्मीद की एक नई किरण है। उन्होंने कहा, 'इस दवा को विकसित करने में जिन वैज्ञानिकों की मुख्य भूमिका है, मैं उन्हें अपने हाथों से सम्मानित करना चाहूंगा। 2 DG आशा और उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है, यह दवा हमारे देश के वैज्ञानिकों के काबिलियत की एक मिसाल है।'
Handed over the first batch of 2-DG anti Covid drug to the Union Health Minister @drharshvardhan after it was released today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 17, 2021
This 2-DG drug developed by @DRDO_India & DRL is a perfect example of India’s scientific prowess and a milestone in the efforts towards self-reliance. pic.twitter.com/oiuR2VVr2I
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, 'इस महीने में आज का दिन देशवासियों लिए सबसे ज्यादा सुखद दिन है। पिछले एक साल से ज़्यादा समय से हम कोविड के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। डीआरडीओ के सहयोग और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लीडरशिप में इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। कोविड वायरस के प्रकोप से निपटने में वैज्ञानिक नजरिये से यह दवा पूरी तरह सक्षम है। भारत की यह पहली पूर्ण स्वदेशी दवा है।'
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रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दवा एक पाउडर की तरह सैशे में आती है जिसे आसानी से पानी में घोलकर मरीजों को दिया जा सकता है। इस दवा का पूरा नाम 2-DG यानी डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (Deoxy D Glucose) है। यह दवा सिर्फ डॉक्टरों के प्रेस्क्रिप्शन और इलाज के प्रोटोकॉल का तहत मरीजों को दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसके इस्तेमाल से न केवल मरीज जल्द ठीक होंगे, बल्कि ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता भी कम होगी।
कैसे काम करती है यह दवा
DRDO के डॉक्टर एके मिश्रा ने इस दवा के कार्यप्रणाली के बारे में मीडिया को बताया है कि, 'किसी भी वायरस के ग्रोथ में ग्लूकोज का होना जरूरी होता है। ग्लूकोज के अभाव में वायरस के मरने के चान्सेस बढ़ जाते है। हमने दवा में ग्लूकोज का एक एनालॉग मिलाया है। कोरोना वायरस इसे ग्लूकोज समझकर खाएगा, लेकिन यह ग्लूकोज नहीं है, और ऐसे में वायरस की मौत हो जाएगी। यही इस दवा का बेसिक प्रिंसिपल है।
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गौरतलब है कि भारत में अबतक कोरोना के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रेमेडेसीवीर इंजेक्शन और फैबिफ्लू जैसी दवाएं दी जा रही है। वहीं टीका के तौर पर कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V को भी मंजूरी दी गई है। 2- DG के आने के बाद मरीजों के इलाज में और मदद मिलने की उम्मीद है। फिलहाल एक सप्ताह में इस दवा के 10 हजार डोज बनाए जा रहे हैं। जून के पहले हफ्ते तक देशभर में सभी जगहों पर इस दवा की उपलब्ध सुनिश्चित की जाएगी।