रणदीप सुरजेवाला का मोदी सरकार पर तंज़, बोले कुर्सी खतरे में, तो देश खतरे में
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मशहूर कवि गोरख पांडेय की कविता ट्वीट करके इशारों में मोदी सरकार पर निशाना साधा है, साथ ही महंगाई और बजट के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए हैं

नई दिल्ली। देशभर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा दबाव में घिरी हुई है। इसी बीच कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इशारों ही इशारों में मोदी सरकार पर तंज़ किया है। इसके साथ ही सुरजेवाला ने देश में बढ़ती महंगाई और केंद्रीय बजट के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है।
सुरजेवाला ने आज मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए मशहूर कवि गोरख पांडे की एक कविता को माध्यम बनाया है। गोरख ने अपनी इस कविता में सत्ता के नशे में चूर हुक्मरानों के रवैये को बेनकाब करते हुए लिखा है
"जब तक वह ज़मीन पर था
कुर्सी बुरी थी
जा बैठा जब कुर्सी पर वह
ज़मीन बुरी हो गई।
कुर्सी ख़तरे में है तो प्रजातन्त्र ख़तरे में है
कुर्सी ख़तरे में है तो देश ख़तरे में है
कुर्सी ख़तरे में है तो दुनिया ख़तरे में है
कुर्सी न बचे
तो भाड़ में जायें प्रजातन्त्र
देश और दुनिया।"
जब तक वह ज़मीन पर था
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 6, 2021
कुर्सी बुरी थी
जा बैठा जब कुर्सी पर वह
ज़मीन बुरी हो गई।
कुर्सी ख़तरे में है तो प्रजातन्त्र ख़तरे में है
कुर्सी ख़तरे में है तो देश ख़तरे में है
कुर्सी ख़तरे में है तो दुनिया ख़तरे में है
कुर्सी न बचे
तो भाड़ में जायें प्रजातन्त्र
देश और दुनिया।
-गोरख पांडे
इसके अलावा कांग्रेस नेता ने देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला किया है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'पहले पेट्रोल-डीज़ल की मार, उस पर किराना हुआ महंगा। मार ही मार बार बार। व्यापार भरमार और जनता लाचार। ‘अच्छे दिन’ किसके लिए?'
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने एक बार फिर से मोदी सरकार के हाल ही में पेश बजट और 20 लाख करोड़ के पैकेज पर भी सवाल उठाए हैं। सुरजेवाला ने लिखा है, "73 साल में पहली बार ऐसी सरकार है जिसे हर बार अपने बजट के फायदे समझाने के लिए करोड़ों के विज्ञापन खर्च कर हफ्ते में दो-दो दिन 2-2 प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ती है। 6 महीने पहले करोना पैकेज के नाम पर 20 लाख करोड़ के फायदे समझाए, मगर मजाल किसी को फूटी कौड़ी मिली हो..! वाह मोदी जी !"