पारंपरिक भोजन करने से विश्व गुरू बनेगा भारत, मोहन भागवत ने विश्वगुरु बनने का दिया अनोखा मंत्र

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कई उपाय बताए हैं, उन्होंने कहा कि, हिंदुओं को जागना होगा, घर पर बना भोजन करना होगा और पारंपरिक पोषक पहनना होगा

Updated: Oct 11, 2021, 01:24 PM IST

Photo Courtesy: Livelaw
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हल्द्वानी। भारत को विश्व गुरु बनाने का फॉर्मूला सामने आ गया है। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदुओं को जागना होगा, उन्हें घर का भोजन खाना होगा और पारंपरिक पोशाक पहनना होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने देश को विश्व गुरु बनाने का यह नायाब फॉर्मूला बताया है। यह फॉर्मूला देते वक्त भागवत ने यह भी कहा है कि देश में नशा तेजी से फैल रहा है जिसे रोकना बेहद जरूरी है।

दरअसल, मोहन भागवत उत्तराखंड के हल्द्वानी में संघ के कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारत को विश्व गुरु बनाने पर जोर दिया।आरएसएस चीफ ने कहा यदि हम समाज शैली में बदलाव लाएं तब ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। भागवत ने इसके लिए 6 'भ' का फार्मूला दिया। इसमें भाषा, भूषा, भवन, भ्रमण, भजन और भोजन शामिल है।

मोहन भागवत के मुताबिक यदि हम पारंपरिक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, पारंपरिक घर में रहते हैं, पारंपरिक जगहों पर घूमने जाते हैं, पारंपरिक गीत गाते हैं और घर में बना पारंपरिक भोजन खाते हैं तो भारत विश्व गुरु बन जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जब हिंदू जागेगा, तभी दुनिया जागेगी और फिर भारत विश्व गुरु बन जाएगा।

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संबोधन के दौरान भागवत ने यह भी कहा कि देश में नशा तेजी से फैल रहा है। मोहन भागवत के मुताबिक लोगों को चरस की लत लग गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के देश भारत में चरस भेजकर लोगों को नशेड़ी बना रहे हैं। इसे हमें रोकना होगा। भागवत ने इस दौरान धर्म परिवर्तन को लेकर कहा कि विवाह के मकसद से हिंदू लड़के और लड़कियां दूसरे धर्म को अपना रहे हैं।