बीजेपी में शामिल नहीं होंगे गांगुली, मोदी की रैली में बीजेपी में शामिल होने के लग रहे थे कयास
गांगुली ने एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बीजेपी में शामिल होने की तमाम अटकलों का खंडन किया है, गांगुली के दोस्त अशोक भट्टाचार्य ने भी तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है
कोलकाता। सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने के तमाम दावों पर विराम लग गया है। बीसीसीआई प्रेसीडेंट सौरव गांगुली फिलहाल बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। इस बात की पुष्टि खुद सौरव गांगुली ने की है। गांगुली के मित्र अशोक भट्टाचार्य ने भी मीडिया में चल रही तमाम अटकलों का खंडन किया है।
हर व्यक्ति हर रोल के लिए नहीं होता : गांगुली
सौरव गांगुली ने एक टीवी चैनल से राजनीति में आने का सवाल पूछे जाने पर कहा कि 'हर व्यक्ति हर रोल के लिए नहीं होता।' गांगुली की बातों से स्पष्ट है कि वे राजनीति में नहीं आना चाहते। वहीं गांगुली के मित्र और सीपीएम नेता अशोक भट्टाचार्य ने भी गांगुली के बीजेपी में शामिल होने के तमाम दावों को खारिज किया है। अशोक भट्टाचार्य ने गांगुली से फोन पर बात करने का हवाला देते हुए कहा है कि गांगुली ने उन्हें खुद फोन पर यह बात कही है कि मैं राजनीति में एंट्री नहीं करना चाहता।
दरअसल पिछले काफी समय से सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन 7 मार्च को कोलकाता में होने वाली प्रधानमंत्री रैली को लेकर के कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जाने लगा कि उसी दिन सौरव गांगुली बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जाने लगा कि अगर बीजेपी बंगाल में सत्ता में आती है तो गांगुली और शुभेंदु अधिकारी को बीजेपी डिप्टी सीएम बनाएगी। लेकिन अब ये सारी अटकलें हवा हो गईं है।
यह भी पढ़ें : 7 मार्च को मोदी की रैली में बीजेपी का दामन थामेंगे गांगुली, मिथुन चक्रवर्ती भी हो सकते हैं शामिल
हालांकि गांगुली के बीजेपी में शामिल होने के कयास यूँही नहीं लगाए जाते।अक्टूबर 2019 में गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष नियुक्त किया गया। साथ ही अमित शाह के बेटे जय शाह को बोर्ड में सचिव पद की ज़िम्मेदारी दी गई। जय शाह और गांगुली की करीबियां किसी से छिपी नहीं हैं। इसके साथ ही गांगुली की पत्नी डोना गांगुली खुद दुर्गा पूजा के दौरान बीजेपी महिला मोर्चा के एक कार्यक्रम में डांस कर चुकी हैं। डोना गांगुली एक क्लासिकल डांसर हैं।
दूसरी तरफ सौरव गांगुली ममता बनर्जी के भी खास माने जाते हैं। ममता ने ही गांगुली को 2015 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का अध्यक्ष नियुक्त किया था। मीडिया में इस तरह की ख़बरें भी आती हैं कि खुद ममता सौरव गांगुली को राजनीति में आने के लिए मना कर चुकी हैं।