Supreme court: कांग्रेस और चीन की डील मामले में याचिका ख़ारिज
CJI SA Bobde: कोई राजनीतिक दल किसी दूसरे देश की सरकार से समझौता कैसे कर सकता है?

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए तथाकथित समझौते पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने वकील शशांक शेखर झा और पत्रकार सेवियो रोड्रिग्स की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने यूपीए 1 के दौरान कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच कथित तौर पर हुए समझौते की जांच सीबीआई या एनआईए से कराने की मांग की थी।
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने याचिकाकर्ताओं के वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि आखिर कोई राजनीतिक दल (कांग्रेस) किसी सरकार (चीन) से कैसे समझौता कर सकता है? मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि आज तक किसी भी राजनीतिक दल और विदेशी सरकार के बीच समझौता होते हुए तो नहीं देखा है।
इस पर जेठमलानी ने कहा कि दरअसल समझौता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच है। चीफ जस्टिस बोबडे ने याचिकाकर्ता को याचिका में अस्पष्टता का हवाला देते हुए सुनवाई से इंकार करते हुए हाई कोर्ट का रुख करने की सलाह दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई वाली याचिका को खारिज कर दिया।
Supreme Court declines to entertain a petition seeking NIA or CBI probe into an agreement signed between Congress & Communist Party Of China in Beijing on August 7, 2008.
— ANI (@ANI) August 7, 2020
The bench observed, "Never heard of a foreign government signing an agreement with a political party." pic.twitter.com/7jJVYF8XUD
याचिका में क्या है?
याचिका में कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता का आरोप लगाते हुए यह दावा किया गया कि 2008 में जब कांग्रेस के नेतृत्व में UPA सत्ता में थी तब समझौता हुआ था। समझौते में उच्च-स्तरीय जानकारी, सहयोग का आदान-प्रदान करने के MOU का दावा किया गया है। याचिका में मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि सात अगस्त 2008 को ये समझौता कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच बीजिंग में हुआ था, इसमें दावा किया गया है कि दोनों के बीच उच्च स्तरीय सूचनाओं के आदान-प्रदान और उनके बीच सहयोग के लिए ये MOU साइन हुआ।