नहीं जाएगी सिंधिया की संसद सदस्यता, क्राइम रिकॉर्ड छिपाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय कुछ अहम तथ्य छिपाए थे।
नई दिल्ली/भोपाल। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च अदालत ने सिंधिया का राज्यसभा चुनाव शून्य घोषित किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सिंधिया पर राज्यसभा निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय कुछ अहम तथ्य छिपाने के आरोप थे।
कांग्रेस नेता डॉ गोविंद सिंह ने सिंधिया का निर्वाचन शून्य करने संबंधी याचिका दायर किया था। हाईकोर्ट का फैसला सिंधिया के पक्ष में आने के बाद गोविंद सिंह ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर है।
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डॉ गोविंद सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय कुछ अहम तथ्य छिपाए थे। इसी आधार पर सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी।
इस याचिका में कहा गया था कि 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था। लेकिन अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और भाजपा से राज्यसभा के सांसद चुने गए हैं।
डॉ गोविंद सिंह के मुताबिक नामांकन के समय उनके हलफनामे में उस लंबित एफआईआर का कोई जिक्र नहीं है। अपने नामांकन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उस मामले को छुपाया है, जो नियमों का साफ उल्लंघन है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा चुनाव शून्य घोषित किया जाना चाहिए।