Sitaram Yechury : वोट के लिए उम्र और स्वास्थ्य की सीमा ठीक नहीं
Election Commission : नए मतदान नियम लोकतंत्र से खिलवाड़, आयोग इस षड़यंत्र को रोके और चुनाव के लिए व्यक्तिगत सत्यापन जरूरी बनाए
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार के उस आदेश पर विरोध जताया है, जिसमें आगामी चुनावों में मतदान प्रक्रिया के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। केंद्र सरकार ने ये बदलाव कोविड 19 का हवाला देकर किए हैं। इन बदलावों के तहत विकलांग व्यक्तियों, कोविड 19 की आशंका एवं उससे संक्रमित व्यक्तियों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलट का इंतजाम किया जाएगा, ताकि उन्हें मतदान के लिए मतदान केंद्र ना आना पड़े। येचुरी ने इसे संविधान और लोकतंत्र से खिलवाड़ बताया है और साथ ही चुनाव आयोग से इस ‘षड्यंत्र’ में शामिल ना होने का अपील की है।
येचुरी ने ट्वीट किया, “चुनाव नियमानुसार मतदाताओं के व्यक्तिगत सत्यापन के तहत होने चाहिए। महामारी के समय जरूरी सुरक्षा इंतजाम जरूर किए जाने चाहिए। चुनाव आयोग को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पर कायम रहना चाहिए और इन षड्यंत्रों में हिस्सेदार नहीं बनना चाहिए।”
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए 1961 के मतदान नियमों में बदलाव कर दिया। इसके लिए सरकार ने लोक प्रतिनिधित्व एक्ट, 1951 का सहारा लिया। बिहार सरकार ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह नया आदेश लागू करने का निर्देश दे दिया है।