बिना सोचे समझे बचकाने फैसले लेना बंद करें, नोटबंदी के फैसले पर चौतरफा घिरी मोदी सरकार
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने 2000 रुपए का नोट बंद किए जाने की घोषणा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि इसीलिए हम कहते हैं प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए।
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से नोटबंदी की गई है। इस बार केंद्र सरकार ने दो हजार की नोट बंद करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर किरकिरी हो रही है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना सोचे समझे बचकाने फैसले लेना बंद करें।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "हमेशा की तरह PM मोदी का एक और फैसला गलत साबित हुआ। 2000 के नोट अब चलन में नहीं रहेंगे। याद रहे- नोटबंदी के तानाशाही फैसले के बाद इस नोट को लाया गया था। दावा था कि इससे कालाधन खत्म हो जाएगा, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। सारे दावे पलट गए, अब बिना सोचे-समझे लिया गया ये फैसला भी पलट गया। मोदी जी... आपसे गुजारिश है- बचकाने फैसले लेना बंद कीजिए।"
हमेशा की तरह PM मोदी का एक और फैसला गलत साबित हुआ।
— Congress (@INCIndia) May 19, 2023
2000 के नोट अब चलन में नहीं रहेंगे।
याद रहे- नोटबंदी के तानाशाही फैसले के बाद इस नोट को लाया गया था।
दावा था कि इससे कालाधन खत्म हो जाएगा, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।
सारे दावे पलट गए, अब बिना सोचे-समझे लिया गया ये फैसला भी…
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना चाहिए। केजरीवाल ने ट्वीट किया, "पहले 2000 का नोट लाने पर कहा गया कि इससे भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं कि इसे बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। इसीलिए हम कहते हैं कि पीएम पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ बोल भी जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।"
पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 19, 2023
इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि, "यह 2000 रुपए का धमाका नहीं, बल्कि अरबों भारतीयों के साथ अरबों डॉलर का धोखा है। मेरे प्यारे भाइयों-बहनों जागो। नोटबंदी के बाद जो तकलीफें सही थीं उन्हें भूलना नहीं हैं और जिन लोगों ने वह तकलीफें दी थी, उन्हें माफ नहीं करना है।"
So it wasn’t 2000 dhamaka but a billion dollar dhoka to a billion Indians . Wake up my dear brothers and sisters. The suffering we have endured due to demonetisation can’t be forgotten and those who inflicted that suffering shouldn’t be forgiven.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 19, 2023
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000 हजार के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सजा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है। शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।"
कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000/- के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 19, 2023
शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।
बता दें कि पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे। लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं। बैंकों के पास भी दो हजार के नोट नहीं थे। वहीं, अधिकांश एटीएम मशीनों से भी दो हजार के नोटों का ट्रे निकाल लिया गया था। दो हजार के नोटों के अचानक से गायब होने का मुद्दा संसद में भी उठा था। हालांकि, तब केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का चलन कम हुआ है। मगर सरकार ने यह नहीं बताया कि पहले से चलन में रहे नोट कहां गए। वित्त वर्ष 2017-18 में बाजार में 2000 के कुल 33,630 लाख नोट चलन में थे। इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपए था। ऐसे में सवाल ये है कि 6 लाख 72 हजार करोड़ रुपए मूल्य के नोट कहां गए।