वेदों-पुराणों में विशेषज्ञता होने पर स्टूडेंट्स को मिलेगा क्रेडिट, UGC ने जारी किया नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क

UGC के अंतिम नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) में भारतीय ज्ञान परंपरा में 18 प्रमुख विद्याओं और 64 कलाओं, कला कौशल आदि का जिक्र किया गया है।

Updated: Apr 12, 2023, 09:24 AM IST

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को नया नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) जारी किया है। इसमें वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि को क्रेडिट प्रणाली में शामिल किया गया है। यानी अब स्टूडेंट्स को वेदों-पुराणों में विशेषज्ञता होने पर भी क्रेडिट मिलेगा।

देश भर के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में अब नया नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू किया जाएगा।।यूजीसी ने इसे नोटिफाई कर दिया है। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा में 18 प्रमुख विद्याओं और 64 कलाओं, कला कौशल आदि का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि चार वेद, उनकी सहयोगी वेद (आयुर्वेद, धनुर्वेद, गंधर्व वेद) के अलावा पुराण, मीमांसा, न्याय, धर्मशास्त्र, वेदांग, व्याकरण, ज्योतिष आदि को रेखांकित करते हुए इन्हें क्रेडिट प्रणाली के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

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एनसीआरएफ में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों में एक प्रमुख तत्व राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने का है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने को खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक कार्य, मंचीय कला, ललित कला, पारंपरा, धरोहर, साहित्य, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाए।

एनसीआरएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि सीखने का परिणाम प्रत्येक मामले में उपयुक्त राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा के स्तर पर पहले से परिभाषित होगा, जिसमें विशेष उपलब्धियां हासिल करने वालों के लिए मानदंड निर्धारित होंगे। इसमें कहा गया है, उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया है तो इस परिणाम एवं उपलब्धि को लेकर उसकी तैयारी और अभ्यास को शारीरिक शिक्षा में स्नातक व्यवसायिक डिग्री के कौशल क्रेडिट जरूरतों के समतुल्य माना जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "कुछ भी नहीं छोड़ा गया है. कक्षा के बाहर सीखने, खेल, योग, शारीरिक गतिविधियों, प्रदर्शन कला, हस्तशिल्प भी मूल्यांकन फ्रेमवर्क का हिस्सा होंगे।" एनसीआरएफ में कहा गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने का है।