हमें पूरी पारदर्शिता चाहिए, अडानी मामले में केंद्र के सीलबंद लिफाफे को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

कोर्ट ने आज की सुनवाई में नियामक तंत्र को मज़बूत करने के लिए कमेटी के गठन के अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया

Updated: Feb 17, 2023, 11:16 AM IST

नई दिल्ली। अडानी हिंडनबर्ग विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के सील बंद लिफाफे को ख़ारिज कर दिया है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने केंद्र के सुझावों से असहमति ज़ाहिर की और अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र को साफ शब्दों में कहा कि वह इस मामले में पूरी पारदर्शिता चाहता है लिहाज़ा सील बंद लिफाफे में केंद्र की ओर से दिए जा रहे सुझाव को वह स्वीकार नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ख़ुद अब अपनी कमेटी गठित करेगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा जज को जांच में शामिल करने की मांग को भी ख़ारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्टॉक मार्केट के नियामक तंत्र को मज़बूत करने के लिए केंद्र को कमेटी गठित करने के लिए कहा था। इसके जवाब में कोर्ट में केंद्र की पैरवी कर रहे तुषार मेहता ने सील बंद लिफाफे में कमेटी में शामिल किए जाने वाले लोगों की सूची सौंपी थी। केंद्र की तरफ से यह दलील दी गई कि वह नहीं चाहता कि बाज़ार पर इसका प्रभाव पड़े। केंद्र की इस दलील को ख़ारिज करते हुए सीजेआई ने कहा कि दूसरे पक्ष को नाम देने से पूरी पारदर्शिता पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाएगा। ऐसे में सीजेआई ने कहा कि कोर्ट अब अपनी तरफ से इस संंबंध में एक कमेटी गठित करेगा। 

कोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासे के बाद मचे पूरे बवाल पर जांच करने की मांग के संबंध में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई 10 फरवरी को हुई थी। सुनवाई के पहले दिन ही कोर्ट ने केंद्र से शेयर बाज़ार के नियामक ढांचे के तंत्र को मज़बूत करने के लिए कमेटी बनाने का सुझाव दिया था , इसके साथ ही कोर्ट ने भारतीय निवेशकों के निवेश को सुरक्षित करने के लिए केंद्र से रोडमैप की जानकारी भी मांगी थी। वहीं विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित करने का भी सुझाव दिया था। कोर्ट ने इस संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को सोमवार .यानी 13 फरवरी तक का समय दिया था।

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केंद्र ने मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि वह इस पूरे मामले में एक कमेटी गठित करने के लिए तैयार है। लेकिन आज केंद्र ने जब कोर्ट में कमेटी में शामिल किए जाने हेतु सीलबंद लिफाफे में नाम सुझाए तो कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया। दूसरी तरफ़ विपक्षी पार्टियां इस पूरे मामले की जेपीसी जांच कराए जाने की भी मांग कर रही हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति गौतम अडानी को बचाने का आरोप लगा रहे हैं।