आप भारतीय निवेशकों को कैसे सुरक्षित करेंगे, अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा केंद्र से सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेयर बाज़ार भावनाओं से चलता है, ऐसे में वो सोच समझकर कर ही टिप्पणी करना चाहता है

Publish: Feb 10, 2023, 12:39 PM IST

नई दिल्ली। अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि वह भारतीय निवेशकों को सुरक्षित कैसे करेगा? इसके साथ ही कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर केंद्र सरकार से जवाब भी तलब किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सोमवार तक का समय दिया है। 

शुक्रवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर जांच के लिए दाखिल दो अलग अलग याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सेबी का पक्ष रखा। 

कोर्ट ने मौजूदा नियामक ढांचे पर वित्त मंत्रालय और सेबी से जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने नियायमक ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए एक समिति गठित करने के लिए कहा। 

कोर्ट ने इसके अलावा मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां जो हुआ वह शॉर्ट-सेलिंग था। मान लीजिए शॉर्ट-सेल के परिणामस्वरूप शेयरों का मूल्य कम हो सकता है। खरीदार को तब अंतर का लाभ मिलता है। अगर यह छोटे स्तर पर हो रहा है तो किसी को फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जैसा कि रिपोर्ट बता रहे हैं, अगर यह बड़े स्तर पर हो रहा है तो भारतीय निवेशकों का नुकसान लाखों करोड़ में पहुंच जाएगा। हम यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो? 

सॉलिसिटर जनरल ने बेंच को बताया कि सेबी करीब से इस मामले को देख रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि आप वित्त मंत्रालय में विशेषज्ञों से परामर्श भी ले सकते हैं। हम इस बात को लेकर गंभीर हैं कि हम क्या टिप्पणी करें क्योंकि शेयर मार्केट प्रमुख रूप से भावनाओं से चलता है। 

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के संबंध में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जिसमें हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर जांच किए जाने की मांग की गई है।हिंडनबर्ग ने अडानी समूह द्वारा स्टॉक में हेरफेर और वित्तीय धोखाधड़ी का दावा किया है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही अडानी समूह के शेयर लगातार गिर रहे हैं। ख़ुद उद्योगपति अडानी दुनिया के टॉप 20 अमीरों की सूची से बाहर हो गए हैं। विपक्ष भी लगातार इस मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी पर अडानी को फायदे पहुंचाने का आरोप लगा रहा है।