विधानसभा से पारित विधेयकों को न लटकाएं राज्यपाल, तेलंगाना मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपालों को विधानसभा से पारित विधेयकों पर जल्द से जल्द फैसला ले लेना चाहिए

Publish: Apr 25, 2023, 10:56 AM IST

नई दिल्ली। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में निर्वाचित सरकारों और राज्यपालों के बीच चलने वाली खींचतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। तेलंगाना सरकार द्वारा दाखिल सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्यपालों को विधानसभा से पारित विधेयकों लटकाना नहीं चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने संविधान का हवाला भी दे दिया। 

तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल टी सुंदरराजन की ओर से विधेयकों पर फैसला न लिए जाने को लेकर अर्जी दाखिल की थी। राज्य सरकार ने कहा कि राज्यपाल ने पिछले एक महीने से उन विधेयकों पर फैसला नहीं लिया है, जिन्हें विधानसभा से पारित करते हुए भेजा गया था। इस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल को इस तरह विधेयकों नहीं लटकाना चाहिए। 

कोर्ट ने कहा कि यह जरूरी है कि राज्यपाल विधेयकों पर जल्द से जल्द फैसला लें। या तो राज्यपाल विधेयकों के मंजूर कर लें या विधेयकों को नामंजूर कर दें लेकिन उन्हें लटकाए न रखें। सीजेआई चंद्रचूड़ ने संविधान के अनुच्छेद 200 का हवाला देते हुए कहा कि इसके सेक्शन एक में लिखा हुआ है कि राज्यपाल को या तो विधेयक तत्काल मंजूर कर लेना चाहिए या तत्काल वापस लौटा देना चाहिए। 

सीजेआई ने कहा कि हमारा यह फैसला सिर्फ राज्यपाल के लिए नहीं बल्कि सभी संवैधानिक संस्थाओं के लिए है। संविधान में यह भावना है कि सभी संस्थाओं को समय पर फैसला देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना सरकार का पक्ष रख रहे अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि पिछले छह महीनों में तेलंगाना सरकार ने दस विधेयक लटकाए रखे। इसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। यह ट्रेंड देखा जा रहा है कि इस तरह के मामले सिर्फ उन राज्यों में हो रहे हैं जहां विपक्षी दल सत्ता में हैं।