बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी, निर्देश का उल्लंघन करने पर अधिकारियों से होगी वसूली

कोर्ट के आदेश की अवमानना करने वालों पर एक्शन होगा। साथ ही पीड़ितों की संपत्ति वापस की जाएगी, जिसका मुआवजा भी दोषी अधिकारियों से वसूला जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

Updated: Oct 01, 2024, 02:04 PM IST

नई दिल्ली। देशभर में बुलडोजर एक्शन पर फिलहाल रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा देश भर में तोड़फोड़ पर गाइडलाइन बनाएंगे, तब तक बुलडोजर पर अंतरिम रोक वाला फैसला जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन अदालत की अवमानना माना जाएगा। कोर्ट के आदेश की अवमानना करने वालों पर एक्शन होगा। साथ ही पीड़ितों की संपत्ति वापस की जाएगी, जिसका मुआवजा भी दोषी अधिकारियों से वसूला जाएगा।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच कर रही है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हम पर एक समुदाय विशेष के खिलाफ बुलडोजर एक्शन किए जाने के आरोप लगे हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हम जो भी गाइडलाइन बनाएंगे वह पूरे देश के लिए होगी। न्यायालय ने एक बार फिर साफ किया कि बुलडोजर एक्शन पर रोक तो रहेगी, लेकिन इसमें अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं होगा। सड़क, रेल लाइन, मंदिर या दरगाह, जहां अतिक्रमण हटाया जाएगा। हमारे लिए जनता की सुरक्षा ही प्राथमिकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आज पूछा कि क्या दोषी करार देने पर भी किसी की संपत्ति तोड़ी जा सकती है? जिस पर एसजी तुषार ने कहा कि नहीं, यहां तक कि हत्या, रेप और आतंक के केस के आधार पर भी नहीं। मेरे कुछ सुझाव हैं, नोटिस को रजिस्टर्ड एडी से भेजा जाए।

बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में जमीयत ने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। याचिका में सरकार को आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने से रोकने की मांग की गई है।