मरकज़ में आए 35 विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट लौटाने का आदेश, दिसंबर में ही निर्दोष साबित हो चुके हैं

दिल्ली की अदालत ने तबलीगी जमात के 35 सदस्यों के पासपोर्ट लौटाने का आदेश दिया, तबलीगी जमात के कार्यक्रम के लिए आए इन लोगों पर लगे आरोप झूठे साबित हो चुके हैं

Updated: Feb 21, 2021, 06:05 AM IST

Photo Courtesy: Business Standard
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि वो उन 35 विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट वापस करे, जो कोरोना महामारी फैलाने के झूठे आरोपों से बरी हो चुके हैं। ये विदेशी नागरिक कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोपों से पिछले साल दिसंबर में ही बरी हो चुके हैं।

मुख्य मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने कहा कि अदालत पहले ही इन विदेशी नागरिकों को बरी कर चुकी है और पुलिस ने अब तक इसके खिलाफ कोई अपील भी दायर नहीं की है। जांच अधिकारी ने भी विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट लौटाने पर कोई आपत्ति नहीं होने की बात कही, जिसके बाद अदालत ने पुलिस को पासपोर्ट लौटाने के निर्देश दिए।

पिछले साल 67 देशों के नागरिक तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ में आए थे।  कोरोना महामारी के मामले सामने आने के बाद निज़ामुद्दीन मरकज़ में हो रहे इस कार्यक्रम को महामारी फैलने की वजह बताते हुए काफी हंगामा मचाया गया था। मरकज़ पर हर रोज़ तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे थे। मीडिया के एक हिस्से ने तो झूठी और बेबुनियाद खबरों का ऐसा तूफान मचाया मानो देश में कोरोना महामारी फैलने के लिए सिर्फ तबलीगी जमात और निज़ामुद्दीन मरकज़ ही ज़िम्मेदार है।

जबकि ये सभी लोग जब भारत आए थे तब देश में कोरोना से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी। ये सभी लोग 24 मार्च 2020 को भारत में पाबंदियां शुरू होने से पहले ही यहां आ चुके थे। इस बारे में मरकज़ की तरफ से बार-बार सफाई देने पर भी किसी ने उनकी एक नहीं सुनी और उनके खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान बढ़ता ही गया। 

इस सिलसिले में तमाम लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। लेकिन अदालती कार्रवाई में सैकड़ों और लोगों की तरह ही ये 35 लोग बरी हो चुके हैं। उन पर लगाए गए सारे आरोप झूठे निकले। दिसंबर में बरी कर दिए जाने के बावजूद अब तक इन विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट लौटाए नहीं गए हैं, जिसके चलते अब कोर्ट को आदेश देना पड़ रहा है। इनसे पहले भी तबलीगी जमात से जुड़े तमाम लोग बेकसूर साबित हो चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग अपने देशों को वापस भी लौट चुके हैं।